Posted on 11 Dec, 2017 4:06 pm

भोपाल : सोमवार, दिसम्बर 11, 2017, 15:18 IST
 

मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए शुरू की गई भावांतर भुगतान योजना हर कदम पर कारगर साबित हुई है। इस योजना से बुरहानपुर और अशोकनगर जिले के किसानों की चिन्ताएं दूर हुई हैं।

बुरहानपुर जिले के 886 किसानों के खाते में उनकी उपज की भावांतर राशि करीब 75 लाख रुपये जमा करवाई जा चुकी है। यह राशि मिलने से किसानों के चेहरे पर खुशी को आसानी से पढ़ा जा सकता है। ग्राम चिचाला के किसान मनीष ने खेत में उड़द की फसल बोई थी। उम्मीद थी कि फसल के बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे। फसल बेचने के समय मूल्यों में आई गिरावट के कारण उन्हें निराशा ही हाथ लगी। भावांतर भुगतान योजना ने उनकी इस निराशा को दूर कर दिया। बुरहानपुर कृषि उपज मंडी के सचिव रामवीर किरार ने मनीष ठाकुर के खाते में समर्थन मूल्य और मॉडल रेट के अन्तर की भावांतर राशि 62 हजार 64 रुपये जमा करवाई है। इसी तरह ग्राम लोनी के किसान रघुनाथ ने कृषि उपज मंडी में 173 क्विंटल मक्का बेची थी। रघुनाथ को मक्का के बाजार मूल्य के अलावा भावांतर भुगतान योजना में 40 हजार 619 रूपये की राशि भी प्राप्त हुई है। ग्राम दरियापुर के किसान तरूण को 125 क्विंटल सोयाबीन बेचने पर अन्तर की राशि 58 हजार 45 रुपये और ग्राम सिवल की महिला किसान गीता बाई को सोयाबीन बेचने पर अन्तर की राशि 40 हजार रुपये प्राप्त हुई है।

बुरहानपुर जिले में कृषि उपज मंडी बुरहानपुर में ही भावांतर भुगतान योजना में फसल खरीदने की व्यवस्था थी। जिले की तुकईधड उप मंडी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर थी। किसानों की सुविधा देखते हुए जिला प्रशासन ने तुकईधड उप मंडी को योजना के खरीद केन्द्रों में शामिल किया। इसी तरह बोरीबुजुर्ग को भी योजनान्तर्गत खरीदी केन्द्र के रूप में शामिल किया गया।

अशोकनगर के किसानों को भी मिला फायदा

भावांतर भुगतान योजना से अशोकनगर जिले के किसानों भी भरपूर फायदा हुआ है। ग्राम रातीखेड़ा के किसान मोहन सिंह यादव ने उड़द की फसल बोई थी। बे-मौसम बारिश से मात्र 8 क्विंटल 30 किलो उड़द का उत्पादन हुआ। मोहन सिंह ने कृषि उपज मंडी जाकर 1831 रुपये क्विंटल के भाव पर उड़द को बेचा। उड़द के नीचे भाव होने के बावजूद भी भावांतर भुगतान योजना में उनके खाते में 19 हजार 220 रुपये अन्तर की राशि पहुंची। इसी प्रकार किसान हरपाल सिंह यादव ने 14 क्विंटल 45 किलो उड़द का विक्रय किया। हरपाल सिंह ने भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन करा रखा था। पंजीयन होने के कारण उनके बैंक खाते में न्यूनतम समर्थन मूल्य और मॉडल दर के अन्तर की राशि 34 हजार 680 रुपये पहुंची। नीमच जिले में 2580 किसानों के खाते में अब तक तकरीबन 3 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि जमा करवाई जा चुकी है।

सफलता की कहानी (बुरहानपुर और अशोकनगर)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश