Posted on 21 Oct, 2017 6:48 pm

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कलेक्टर्स और कमिश्नर्स की वीडियो कान्फ्रेसिंग में कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिये शुरू की गई भावांतर भुगतान योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। किसानों को उपज की बिक्री एवं भुगतान में कोई परेशानी नहीं हो। उन्हें 50 हजार रूपये तक का नगद भुगतान सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने इस दौरान मध्यप्रदेश स्थापना दिवस को लोकोत्सव के रूप में मनाने एवं विकास यात्राओं को बहुउद्देशीय स्वरूप देने के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारीगण और बैंकर्स उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों से कहा कि किसानों की भलाई के लिये देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में भावांतर भुगतान योजना के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। इसको सफल बनाने की सबकी जवाबदारी है। उन्होंने निर्देश दिये कि कृषि उपज मण्डियों का सघन निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को सही मूल्य और भावांतर योजना का लाभ मिले। उन्हें नगद भुगतान में कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि नगदी की कोई कमी नहीं है। किसानों को 50 हजार रूपये तक का नगद तथा शेष आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाये। इसमें किसी भी तरह का चार्ज नहीं लगता है।

बैंक खाते से नगद निकासी में व्यापारी पर निकासी की सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं है। किसी भी मण्डी व्यापारी द्वारा 50 हजार रूपये तक के दिनभर में कितने भी किसानों को नगद भुगतान किया जा सकता है। किसान को भी 50 हजार रूपये तक नगद प्राप्त करने में कोई आयकर कानूनों में बाधा उत्पन्न नहीं होती है। इस संबंध में किसानों और व्यापारियों के बीच फैले भ्रम को भी दूर किया जाये।

श्री चौहान ने कहा कि मॉडल रेट को प्रतिदिन चैक करें, जहाँ गड़बड़ी हो वहाँ कार्रवाई करें। इसे मिशन मोड में लेकर किसानों के मामलों को पूरी गंभीरता और संवदेनशीलता के साथ निपटायें। एक सप्ताह बाद पुनर्समीक्षा की जायेगी। श्री चौहान ने बंद उप मण्डियों को क्रियाशील करने और उनमें किसानों की उपज का घोष विक्रय सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि जहाँ पर घोष विक्रय की व्यवस्था नहीं हो वहाँ के किसानों की उपज उन स्थानों तक पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जहाँ पर विक्रय व्यवस्था है।

इस दौरान बताया गया कि भावांतर योजना भुगतान के अंतर्गत उत्पादकता में जिन जिलों का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन होगा उसी को औसत उत्पादन माना जायेगा। इसी तरह सोयाबीन विक्रय की तिथि 31 दिसम्बर 2017 तक तथा मक्का की विक्रय तिथि 31 जनवरी 2018 तक बढ़ा दी गई है।

म.प्र. स्थापना दिवस लोकोत्सव के रूप में मनेगा

मुख्यमंत्री ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर रन फॉर यूनिटी के बेहतर आयोजन के निर्देश दिये। उन्होंने एक नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह को जनता के उत्सव को रूप में मनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे जनता, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक आदि संगठनों एवं विद्यार्थियों को जोड़ा जाये। इस दिन शासकीय भवनों के साथ-साथ निजी भवानों में भी रोशनी करने के लिये जनता को प्रेरित किया जाये। इसमें सभी लोग उत्साहपूर्वक भाग लें।

इस मौके पर बताया गया कि भोपाल में स्थापना दिवस समारोह तीन दिनों तक चलेगा। पहले दिन मुख्यमंत्री जी का उदबोधन होगा, जिसका दूरदर्शन पर सभी जिलों में सीधा प्रसारण होगा। इस दिन मध्यप्रदेश विजन-2022 फिल्म का प्रदर्शन और प्रसिद्ध गायिका श्रेया घोषाल का गायन तथा शैलेन्द्र कृष्ण नागपुर द्वारा नाट्य कथा का प्रस्तुतीकरण होगा। दूसरे दिन महिलाओं से संबंधित तथा तीसरे दिन युवाओं और किसानों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसी तरह जिला स्तर, जनपद स्तर और नगरीय निकाय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे।

मुख्यमंत्री विकास यात्रा के दौरान औचक निरीक्षण करेंगे

मुख्यमंत्री ने एक नवम्बर से प्रदेश में शुरू हुई विकास यात्राओं को बहुउद्देशीय बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वे स्वयं प्रदेश के हर जिले में यात्रा करेंगे और प्रतिदिन दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे तथा दो औचक निरीक्षण भी करेंगे। वे रात्रि विश्राम करेंगे और इस दौरान छात्रावास, अस्पताल आदि का निरीक्षण करेंगे और जनता से रूबरू होकर योजनाओं की जमीनी हकीकत जानेंगे। उन्होंने यात्रा के दौरान विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण के अलावा अंत्योदय मेला, महिला स्व-सहायता समूहों का सम्मेलन आदि का आयोजन कर इसे लोक-कल्याणकारी बनाने के भी निर्देश दिये।

राजस्व अभियान की प्रशंसा

मुख्यमंत्री ने राजस्व अभियान में हुए कार्यों की प्रशंसा की और अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का व्यापक असर हुआ है। इससे जनता को बड़ी राहत मिली है। यह गति निरंतर बनाये रखी जाये। जो लक्ष्य तय किये गये है उन्हें पूरा किया जाये। उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर सुशासन देने के हरसंभव उपाय किये जाये। जिन जिलों में सूखे का संकट है वहाँ सरकार पूरी संवेदना से किसानों के साथ खड़ी है। उन्‍होंने कहा कि पट्टा वितरण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक समारोह में किया जाये।

इस अवसर पर बताया गया कि राजस्व अभियान के दौरान किसानों को 4 करोड़ 19 लाख खसरा-खतौनी की नकलें वितरित की गई हैं। साथ ही सीमांकन के 62 हजार एवं डायवर्सन के 44 हजार तथा अविवादित नामांतरण और बँटवारे के 3 लाख 52 हजार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। बताया गया कि एक नवम्बर को इन प्रकरणों का 100 प्रतिशत निराकरण की घोषणा की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों का समुचित निराकरण एवं नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत किये गये वृक्षारोपण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि लापरवाह और भ्रष्ट कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये तथा अच्छे कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाये। उन्होंने प्रदेश में स्वच्छता और प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए उत्कृष्ट कार्य की सराहना भी की। इसके पूर्व उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश