Posted on 23 Nov, 2017 7:00 pm

ग्वालियर जिले के ग्राम पुरी में रहते हैं किसान रामनाथ कुशवाहा। इन्होंने डबरा कृषि उपज मंडी में अपनी उड़द की फसल बेची थी लेकिन इस साल अच्छे भाव नहीं मिलने से नाराज थे। बुधवार 22 नवम्बर 2017 को रामनाथ कुशवाहा को उनके बैंक खाते में 62 हजार रुपये जमा होने की खबर मिली। पहले तो रामनाथ को विश्वास नहीं हुआ लेकिन जैसे ही बैंक मैनेजर से बात की तो पता चला की उड़द की फसल बेचने में हुए नुकसान की भरपाई के रूप में राज्य सरकार ने उन्हें यह भावांतर राशि दी है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रामनाथ ने राज्य सरकार को दिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।

भावांतर भुगतान योजना में भावांतर राशि ट्रांसफर होने से ग्वालियर जिले के ग्राम पुरी के किसान प्रदीप कुशवाहा को 52 हजार रुपये, ग्राम अजयगढ़ के जगदीश श्रीवास्तव को 31 हजार रुपये, ग्राम खेड़ा की विमला गुर्जर को 18 हजार रुपये, ग्राम डबरा की बबीता साहू को 61 हजार रुपये, सुपावली मुरार के राजेश शर्मा को 13 हजार रुपये, ग्राम सुप्त के नरेन्द्र माहौर और ग्राम कीरतपुरा चिनौर के सरमन सिंह को 8-8 हजार रुपये, अजयगढ़ के फूल सिंह जाट को 16 हजार रुपये और मेहगांव चिनौर के भारत सिंह सोलंकी को 5 हजार रुपये भावांतर राशि तुरंत बचत खातों में मिली है।

भावांतर राशि मिलने से किसानों में इस योजना के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है। किसानों को मालूम हो चुका है कि राज्य सरकार ने इस योजना में पंजीयन कराने की अवधि को 25 नवम्बर 2017 तक बढ़ाया है। इसलिये ग्वालियर जिले में 59 ई-उपार्जन केन्द्रों पर किसान पहुंच रहे हैं और भावांतर भुगतान योजना में अपना पंजीयन भी करवा रहे हैं।

सफलता की कहानी (ग्वालियर)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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