Posted on 22 Sep, 2017 6:27 pm

प्रदेश के जल-संसाधन विभाग में ई-टेण्डरिंग की केन्द्रीयकृत प्रणाली कोष एवं लेखा के सहयोग से संचालित हो रही है। इस व्यवस्था से निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ-साथ निश्चित समय में कान्ट्रेक्टर को ई-पेमेंट सुनिश्चित किया गया है। हाल ही में महाराष्ट्र राज्य के जल-संसाधन विभाग के अधिकारियों ने भोपाल पहुँचकर ई-टेण्डरिंग की केन्द्रीयकृत प्रणाली को जाना। उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव श्री पंकज अग्रवाल से भी मुलाकात की।

जल-संसाधन विभाग में वर्तमान में 20 लाख रुपये से अधिक राशि की सभी निविदाएँ ई-टेण्डरिंग के माध्यम से ली जा रही हैं और इनमें केन्द्रीयकृत प्रणाली के अंतर्गत निर्णय लिए जा रहे हैं। पिछले वर्ष 2016-17 में विभाग की 4000 करोड़ रुपये मूल्य की 500 निविदाओं पर निर्णय लिया गया। ईएमबी की ऑनलाइन प्रणाली में कान्ट्रेक्टर को अपना बिल लोड कर उसका भुगतान प्राप्त करने की पारदर्शी व्यवस्था की गई है। प्रणाली में कान्ट्रेक्टर द्वारा ऑनलाइन बिल देने के 10 दिन के अंदर भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कान्ट्रेक्टर के खाते में ऑनलाइन आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश कोषालय द्वारा तैयार सीएसएफएमएस का उपयोग किया जा रहा है। अधीक्षण यंत्री जल-संसाधन श्री वाई.सी. शर्मा ने महाराष्ट्र से आये अधिकारियों को ईएमबी की ऑनलाइन प्रणाली के बारे में जानकारी दी। मुख्य अभियंता जल-संसाधन श्री शिरीष मिश्रा ने सदस्यों को केन्द्रीयकृत ई-टेण्डरिंग के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से निर्णय लेने में पारदर्शिता के साथ निविदा संबंधी कार्य करने में तेजी आयी है। कोष एवं लेखा के अतिरिक्त संचालक श्री जे.के. शर्मा ने केन्द्रीय प्रणाली की व्यवहारिक जानकारी दी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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