Posted on 24 Oct, 2016 5:44 pm

भोपाल : सोमवार, अक्टूबर 24, 2016, 17:13 IST
 

खाद्य-नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण एवं श्रम मंत्री श्री ओमप्रकाश धुर्वे ने आज प्रशासन अकादमी में भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिलों के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में पीडीएस व्यवस्था के क्रियान्वयन की समीक्षा की। प्रमुख सचिव खाद्य श्री के.सी. गुप्ता, आयुक्त खाद्य श्री फैज अहमद किदवई, एम.डी. मार्कफेड श्री बी.एम. शर्मा, नियंत्रक नाप-तौल श्री एस.के. जैन और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि उचित मूल्यों की दुकानों तक खाद्यान्न परिवहन में लगे सभी वाहन पर जीपीएस लगाया जायेगा और इसका कंट्रोल इश्यू सेंटर से रहेगा। इन वाहनों पर विशेष रंग से लिखा जायेगा कि 'यह वाहन पीडीएस की खाद्यान्न सामग्री का परिवहन कर रहे हैं''। इस व्यवस्था को तत्काल सुनिश्चित करवाने के लिये कहा गया। मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम अब ट्रांसपोर्टर से अनुबंध करते समय इस शर्त को अनिवार्य रूप से समाहित करेगा। ऐसे ट्रांसपोर्टर से ही अनुबंध किया जायेगा, जो इन शर्तों को मान्य करेंगे।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि गेहूँ के उपार्जन से लेकर भण्डारण और उचित मूल्य दुकानों तक पहुँचाने की व्यवस्था मजबूत की जाये। गेहूँ उपार्जन के दौरान एफएक्यू गुणवत्ता का गेहूँ खरीदा जाये। एफएक्यू गुणवत्ता के गेहूँ के सेम्पल खरीदी केन्द्र पर कई जगह रखे जायें, ताकि खरीदी केन्द्र पर किसान गेहूँ को देख सकें कि उन्हें किस क्वालिटी का गेहूँ देना है। भण्डारण के दौरान गोदाम में गेहूँ रखे जाते समय निरीक्षण की व्यवस्था रहेगी और गोदाम में भण्डारित गेहूँ किसी भी तरह से खराब न हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।

मंत्री श्री धुर्वे ने जिले में अनावश्यक रूप से गोदाम में रखे गेहूँ पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिस जिले को जितनी आवश्यकता होती है, उससे दोगुना तक गेहूँ भण्डारित कर रखा जाता है। इससे गोदाम मालिक को तो किराया मिलता है पर नागरिक आपूर्ति निगम और सरकार को गेहूँ के खराब होने और अनावश्यक भण्डारण करने से किराया देना पड़ता है, ऐसा नहीं होना चाहिये। जिस जिले को जितनी जरूरत है उतना गेहूँ भण्डारित करे और अधिक होने पर उसे एफसीआई को दे। इसी प्रकार श्री धुर्वे ने अनावश्यक परिवहन व्यय बढ़ाने पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिस जिले को खाद्यान्न की जरूरत है, उसकी आपूर्ति उसके नजदीकतम जिले में उपलब्ध खाद्यान्न से की जाना चाहिये।

मंत्री श्री धुर्वे ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना में कहा कि जिस जिंस का हम उपार्जन नहीं करते, उसकी सबसिडी उपभोक्ता को सीधे देने की व्यवस्था को लागू करने से पहले उपभोक्ताओं के सही खाते का मिलान कर लिया जाये। इससे उन्हें दी जाने वाली राशि सीधे उनके खाते में पहुँचे। खाते सही नहीं होने पर राशि तो ट्रांसफर कर दी जाती है पर वह संबंधित उपभोक्ता के खाते में नहीं पहुँचती। व्यवस्था में यह कमजोरी नहीं रहे, इसलिये दिसम्बर माह तक सभी उपभोक्ता के खातों का सही-सही मिलान कर लिया जाये।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि आधार सीडिंग का कार्य दिसम्बर तक 100 प्रतिशत पूरा हो जाना चाहिये। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से बिना व्यवधान राशन देने में बन रही खराब मशीनों की बाधा को दूर करने के लिये भी कहा। उन्होंने कहा कि जिस दिन जिस दुकान की मशीन खराब हो, उसे उसी दिन दुरुस्त किया जाये अथवा खराब मशीन के स्थान पर दूसरी ठीक मशीन लगायी जाये। मशीनों को बदलने की व्यवस्था के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में हर ब्लॉक में रिजर्व में मशीनें रखी जायें। पाइंट ऑफ सेल के लिये जिन कम्पनियों से मशीने ली गयी हैं, उन्हें इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किये जायें।

मंत्री श्री धुर्वे ने मशीनों में डाटा लोडिंग के लिये सर्वर डाउन होने की समस्या की ओर ध्यान दिलाते हुए अधिकारियों से कहा कि हैदराबाद और तेलंगाना में बेहतर सर्वर व्यवस्था है। एक दल भेजकर वहाँ की व्यवस्था का अध्ययन करवायें और आधुनिक एवं डाटा ट्रांसफर में सक्षम सर्वर सिस्टम लगाया जाये। मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि वे सभी संभाग में जाकर ग्राउण्ड लेवल पर क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे और दिये निर्देशों का पालन हो रहा है कि नहीं, इसे देखेंगे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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