Posted on 17 Oct, 2017 5:46 pm

 

नरसिंहपुर जिले के चीचली विकासखण्ड के ग्राम कनवास की दैनिक मजदूरी पर निर्भर रहने वाली महिलाएँ मायाबाई और जानकी अब सफलतापूर्वक किराना दुकान चला रही हैं। किराना दुकान के जरिए इन महिलाओं की आय बढ़ी है और घर की माली हालत भी सुधरी है। मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना के माध्यम से यह संभव हुआ है। यह योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में स्व-सहायता समूह गठित कर संचालित की जा रही है।

मायाबाई चौधरी ग्राम उत्थान समिति कनवास के वैभव लक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। मायाबाई को अब प्रति माह औसतन रूप से 8,800 रुपये आमदनी हो रही है। किराना दुकान के माध्यम से मायाबाई को अब तक 5 लाख रुपये से अधिक की आमदनी हो चुकी है। मायाबाई किराना दुकान के साथ-साथ अब मनिहारी की दुकान भी चला रही हैं और इनका सिलाई का काम भी अच्छा चल रहा है। समूह से जुड़ने के पहले मायाबाई का परिवार केवल मजदूरी पर आश्रित था। मजदूरी से इतनी आमदनी नहीं हो पाती थी, कि उनके परिवार का गुजर-बसर भी हो सके।

इसी गाँव की जानकी साहू भी दैनिक मजदूरी से अपने परिवार का आर्थिक तंगी के बीच भरण-पोषण कर रही थीं। इन्होंने भी जय अम्बे स्व-सहायता समूह से आर्थिक मदद ली। अब वे अपने घर में ही किराना दुकान चला रही हैं। इन्हें आजीविका मिशन से 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि तृतीय बैंक लिंकेज के रूप में मिली है। इन्होंने भी किराने के साथ-साथ गल्ले का व्यवसाय भी शुरू किया है।

ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से सफल हुई ग्रामीण महिलाओं से गाँव की अन्य महिलाएँ भी प्रभावित हुई हैं और स्व-सहायता समूह से जुड़ रही हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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