Posted on 21 Aug, 2017 6:00 pm

भोपाल : सोमवार, अगस्त 21, 2017, 17:01 IST
 

 

राज्य शासन ने स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन में स्वीकृत भार से अधिक भार पाये जाने की जाँच के संबंध में नये निर्देश जारी किये हैं। शासन को कृषि पम्प कनेक्शन के कई प्रकरण में बिना समुचित जाँच के उपभोक्ता का संयोजित भार बढ़ा दिये जाने तथा उसके आधार पर बिलिंग करने की शिकायतें प्राप्त हुई थी।

नये निर्देशों के अनुसार पम्प कनेक्शन के उपभोक्ता द्वारा पम्प की क्षमता से अधिक बिलिंग की शिकायत पर वितरण कम्पनी के सक्षम अधिकारी द्वारा उपभोक्ता के सामने जाँच कर उसका सत्यापन किया जायेगा। ऐसे कनेक्शन जिनमें तकनीकी परीक्षण के बाद स्वीकृत भार से कम भार पाया जाता है तो स्वीकृत भार को कम किये जाने का निर्णय वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा लिया जायेगा। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि मानक उपकरणों से पम्प की क्षमता की गणना किसान या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जाकर परीक्षण रिपोर्ट संबंधी रिकार्ड रखा जाये। स्वीकृत भार को बढ़ाये जाने का निर्णय कार्यपालन यंत्री अथवा उससे उच्च स्तर के अधिकारी द्वारा लिया जायेगा। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मानक उपकरणों से पम्प की क्षमता की गणना किसान या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में कर रिपोर्ट को रिकार्ड में रखा जाये।

जाँच संबंधी कार्यवाही के बाद अधिक भार पाये जाने पर संबंधित उपभोक्ता को एक सप्ताह की अवधि में निर्धारित प्रपत्र में सूचना भेजी जाये। यदि उपभोक्ता द्वारा निर्धारित सात दिन की समय-सीमा में किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं की जाती तो पम्प का भार स्वीकृत भार से अधिक मानते हुए नया अनुबंध करने के लिये द्वितीय नोटिस भेजा जाना चाहिये। आपत्ति दर्ज करवाने की स्थिति में नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र के लिये विधिवत उपभोक्ता द्वारा आवश्यक राशि जमा करवाने पर निर्धारित समय एवं तिथि को उपभोक्ता की उपस्थिति में पम्प की क्षमता के पुनर्निर्धारण के लिये परीक्षण के निर्देश दिये गये हैं। इस सत्यापन के आधार पर ही बिलिंग करने को कहा गया है।

वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ता के पम्प की क्षमता के निर्धारण से संतुष्ट न होने पर विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अनुसार शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से करवाये गये क्षमता निर्धारण को अंतिम मानकर बिलिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है। वितरण कम्पनी के कार्मिक द्वारा सामान्य चेकिंग के द्वारा नये निर्देशों के अनुरूप प्रक्रिया का पालन करवाने के लिये भी कहा गया है। प्रत्येक डिवीजन कार्यालय में नवीन निर्देशों के तहत की गयी कार्यवाही का पूरा विवरण रखने तथा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भ्रमण/निरीक्षण के दौरान प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये गये हैं। शासन ने इन सभी निर्देशों का मैदानी स्तर पर कड़ाई से पालन करवाने को कहा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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