No: 7/17283 Dated: Dec, 28 2016

1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ:- (1) यह नियमावली "बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) (संशोधन) नियमावली, 2016" कही जा सकेगी।
     (2) नियम-3(क) सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार, पटना के पत्रांक-2702 दिनांक 25.02.2014 द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचित रिक्तियों की तिथि 25.02.2014 से प्रभावी मानी जायेगी और अन्य सभी नियम अधिसूचना निर्गत की तिथि से प्रभावी होगें।
2. उक्त नियमावली बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भती) संशोधित नियमावली, 1955 के नियम-3(क) को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा:
   3क-सीधी भर्ती में आरक्षण:(i) सीधी भर्ती हेतु सभी रिक्तियाँ असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) के पद पर निम्न प्रकार भरी जायेगी:
      (क) खुली गुणागुण कोटि से - 50 प्रतिशत 
      (ख) आरक्षित कोटि से - 50 प्रतिशत 
   (ii) आरक्षित श्रेणी के विरूद्ध 50 प्रतिशत रिक्तियों में अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत, अत्यंत पिछडा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 12 प्रतिशत यथा बिहार पर्दा एवं सेवाओं की रिक्तिओं में आरक्षण अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए अधिनियम, 1991 (समय-समय पर यथा संशोधित) में परिभाषित की गई है।
   (iii) महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत तथा अस्थि विकलांगों के लिए 1 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण सभी श्रेणियों में होगी।
   (iv) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से उनके लिये आरक्षित रिक्तियों में नियुक्ति के लिये सुयोग्य उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में अगली चयन प्रक्रिया तक के लिए उन रिक्तियों को आरक्षित बनाये रखा जायेगा और यदि अगले वर्ष में भी सुयोग्य उम्मीदवार नहीं उपलब्ध हो तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के बीच रिक्तियों का विनिमय किया जायेगा और विनिमय पूरित रिक्तियाँ उस विशेष समुदाय के उम्मीदवार जो वस्तुतः नियुक्त किये जाते हैं, के लिए आरक्षित समझी जायेंगी। 
  (v) अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के सुयोग्य उम्मीदवारों की अनुपलब्धता की स्थिति में अगली चयन प्रक्रिया तक के लिए उन रिक्तियों को आरक्षित बनाये रखा जायेगा और यदि अगले वर्ष में भी सुयोग्य उम्मीदवार नहीं उपलब्ध हो तो यह रिक्तियाँ अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों से विनिमय द्वारा भरी जायेंगी और विनिमय द्वारा पूरित रिक्तियाँ उस विशेष समुदाय के उम्मीदवार जो वस्तुतः नियुक्त किये जाते हैं, के लिए आरक्षित समझा जायेगी। 
   (vi) यदि तृतीय चयन प्रक्रिया में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के सुयोग्य उम्मीदवारों की संख्या, विनिमय फॉर्मूला के बाद भी उनके लिये आरक्षित रिक्तियों की संख्या से कम है तो तृतीय चयन प्रक्रिया में शेष पूर्वागत (बैंक लॉग) रिक्तियों. सामान्य वर्ग के सुयोग्य उम्मीदवारों से, उन्हें अनारक्षित करके भरी जा सकेंगी। किंतु वैसी अनारक्षित रिक्तियाँ अगली तीन चयन प्रक्रियाओं तक अग्रगणित (carry forward) रहेंगी। 
3. उक्त नियमावली में "आयोग" शब्द के स्थान पर "उच्च न्यायालय, बिहार लोक सेवा आयोग के समन्वय से पढ़ा जायेगा। 
4. बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) नियमावली, 1955 के नियम-5 के (परन्तुक) का प्रतिस्थापन "परंतु प्रारभिक परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा में योग्य होने के लिए अर्हतांक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से 5 प्रतिशत कम होंगे।" । 
5. बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भती) नियमावली, 1955 के नियम-6 के (परन्तुक) का प्रतिस्थापन:- 
      "परंतु आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए (महिला एवं अस्थि विकलांग श्रेणी सहित) उक्त तिथि को उम्र 40 वर्ष से कम एवं 22 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
        परंतु महिला एवं अस्थि विकलांग सहित आरक्षित श्रेणी से भिन्न अभ्यर्थियो को परीक्षा में बैठने हेतु पाँच (5) से अधिक अवसर नहीं प्राप्त होगे।" 
6. बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) नियमावली, 1955 के नियम-15 का प्रतिस्थापन ।"
   (क) उच्च न्यायालय को यह अधिकार होगा कि आयोग की सहमति से लिखित परीक्षा हेतु किसी विषय का अर्हतांक या सभी विषयों का अर्हतांक निर्धारित कर सकेगा।
   (ख) महिला एवं अस्थि विकलांग अभ्यर्थियों सहित आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों, के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से प्रत्येक सिद्धांत विषय के लिए 5 प्रतिशत कम न्यूनतम अर्हतांक होंगे एवं कुल प्राप्तांक से 5 प्रतिशत कम न्यूनतम अहर्ताक होंगे। 
7. उक्त नियमावली के नियम-17 के परन्तक को विलोपित किया जाता है।
8. बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (मी) नियमावली, 1955 के नियम-18 का प्रतिस्थापन - 
"नियुक्ति प्रक्रियाएँ उच्च न्यायालय के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में बिहार लोक सेवा आयोग के समन्वय से होगी।

बिहार राज्यपाल के आदेश से
(डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह गंगवार)
सरकार के प्रधान सचिव

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