No: 7-3336 Dated: Mar, 25 2011

1. संक्षिप्त नाम विस्तार और प्रारम्भ :- (1) यह नियमावली “बिहार परिवार न्यायालय नियमावली, 2011” कही जा सकेगी। 

(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण बिहार राज्य में होगा ।

(3) यह राजपत्र में प्रकाशित होने की तिथि से प्रवृत होगी 

2. परिभाषायें :-

(1) इस नियमावली में, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हों :

(क) अधिनियम से अभिप्रेत है परिवार न्यायालय अधिनियम,1984.

(ख) भारत का नागरिक से अभिप्रेत है ऐसा व्यक्ति, जो भारत संविधान के भाग दो के अधीन, भारत का नागरिक हो या समझाा जाय, 

(ग) “राज्यपाल” से अभिप्रेत है बिहार के राज्यपाल : 

(घ) “सरकार” से अभिप्रेत है राज्य सरकार, बिहार : 

(ड) “उच्च न्यायालय” से अभिप्रेत है पटना उच्च न्यायालय, पटना : 

(च) “पद” से अभिप्रेत है न्यायाधीश का पद :

(छ) “धारा” से अभिप्रेत है परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 की धारा; तथा 

(ज) इस नियमावली में प्रयुक्त किंतु अपरिभाषित शब्दों और अभिव्यक्तियों से वही अभिप्रेत होंगे जो परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 में उनके प्रति समनुदेशित किये गये हैं । 

(1) किसी न्यायाधीश की नियुक्ति निम्न प्रकार की जायेगी:-

(क) बिहार, उच्चतम न्यायिक सेवा के किसी सदस्य की या किसी ऐसे व्यक्ति, जिसने 7 वर्ष तक किसी प्राधिकरण का सदस्य पद या संघ सरकार या राज्य सरकार के अधीन विधि के विशेष ज्ञान की अपेक्षा वाला कोई भी पद धारण किया हो. की प्रति नियुक्ति द्वारा, या 

(ख) सेवानिवृत्त सदस्य या खंड (क) में निर्देशित किसी व्यक्ति की पुनः नियुक्ति द्वारा, या (ग) अधिनियम की धारा-4 की उप धारा (3) के खंड (ख) और (ग) के अधीन पात्रता प्राप्त किसी व्यक्ति की नियुक्ति द्वारा ।

3. न्यायाधीशों की नियुक्ति - 

(1) किसी न्यायाधीश की नियुक्ति निम्न प्रकार की जायेगी:

(क) बिहार, उच्चतर न्यायिक सेवा के किसी सदस्य की या किसी ऐसे व्यक्ति, जिसने 7 वर्ष तक किसी प्राधिकरण का सदस्य पद या संघ सरकार या राज्य सरकार के अधीन विधि के विशेष ज्ञान की अपेक्षा वाला कोई भी पद धारण किया हो, की प्रतिनियुक्ति द्वारा, या 

(ख) सेवानिवृत्त सदस्य या खंड (क) में निर्देशित किसी व्यक्ति की पुनः नियुक्ति द्वारा, या 

(ग) अधिनियम की धारा-4 की उपधारा (3) के खण्ड (ख) और (ग) के अधीन पात्रता प्राप्त किसी व्यक्ति की नियुक्ति द्वारा ।

(2) उप नियम (1) के खंड (ग) के अधीन कोई नियुक्ति करने के प्रयोजनार्थ, पटना उच्च न्यायालय, पटना पात्रता प्राप्त अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करेगा और उच्च न्यायालय के उतने न्यायाधीशों की, जितना वह उचित समझे, एक समिति नियुक्त करेगा । इस प्रकार नियुक्त समिति प्राप्त हुए आवेदन पत्रों की जांच करेगी एवं ऐसे आवेदकों का, जो उपयुक्त समझे गये हों, साक्षात्कार करेगी और अपनी सिफारिश उच्च न्यायालय के समक्ष रखेगी । तदुपरान्त उच्च न्यायालय नियुक्ति करने के लिए अपनी सिफारिश राज्य सरकार को भेजेगा :

       परन्तु वाह्य स्रोत से ऐसी नियुक्ति विरल अवसर पर तभी विचारणीय होगी जब बिहार उच्चतर न्यायिक सेवा का कोई भी पदाधिकारी उपलब्ध नहीं हो । साथ ही यह अपवादस्वरूप, पूर्णतः अनुबंध आधारित एवं एक नियत अवधि के लिए होगी, जिसकी सेवा की शर्ते अलग से तय की जायेगी।

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