No: 348 Dated: Jul, 13 2005

भारत संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार सरकार निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं:-

1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ:-  (1) यह नियमावली "बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005" कही जा सकेगी।
    (2) इसका विस्तार संपूर्ण बिहार राज्य में होगा। 
    (3) यह नियमावली राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होगी। 
2. परिभाषाएं:- जब तक कोई बात विषय या संदर्भ के विरुद्ध न हो, इस नियमावली के प्रयोजनार्य
    (क) 'सरकार' से अभिप्रेत से बिहार सरकार, 
    (ख) 'सरकार के आदेश से अभिप्रेत है भारत संविधान के अनुच्छेद 166 के अन्तर्गत नियत कार्यपालिका नियमावली  में प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत पारित कार्यपालक आदेश: 
    (ग) परिवीक्षाधीन (व्यक्ति)' से अभिप्रेत है वह व्यक्ति जो परिवीक्षा पर किसी सेवा में नियुक्त है।
    (घ) सिविल सेवा संवर्ग से अभिप्रेत है राज्य की सिविल सेवाओं के सभी वर्ग तथा इसमें बिहार राज्य सरकार के अधीन सभी अन्य समान संवर्गीय अथवा गैर संवर्गीय पद भी सम्मिलित हैं: 'पद' से अभिप्रेत है बिहार राज्य सरकार की सेवा के अधीन कोई भी पद; 
    (ड.) किसी सरकारी सेवक के संबंध में नियुक्त प्राधिकार से अभिप्रेत है 
       (i) वह प्राधिकार जो उस सेवा में नियुक्ति करने के लिये सक्षम हो जिसका वह सरकारी सेवक तत्समय एक सदस्य है, अथवा 
       (ii) वह प्राधिकार जो उस पद पर नियुक्ति करने के लिये सक्षम हो जिसे वह सरकारी सेवक तत्समय धारण करता है, अथवा 
       (iii) वह प्राधिकार जो, यथास्थिति, ऐसी सेवा, कोटि या पद पर सरकारी सेवक की नियुक्ति किया हो, अथवा ' 
       (iv) जहाँ सरकारी सेवक किसी अन्य सेवा का स्थायी सदस्य होते हुए अथवा कोई अन्य स्थायी पद मौलिक रूप से धारण करते हुए सरकार के सतत नियोजन में रहा हो, वहां वह प्राधिकार जी, उसे उस सेवा में या उस सेवा के किसी कोटि में या उस पद पर नियुक्त किया हो ।

  (च) किसी सेवा के संबंध में 'संवर्ग प्राधिकार' से वही अभिप्रेत होगा जो उस सेवा को विनियमित करनेवाली नियमावली में
    (छ)“आयोग' से अभिप्रेत है बिहार लोक सेवा आयोग, 
    (ज )"बिहार सरकार के विभाग” से अभिप्रेत है कार्यपालिका नियमावली में यथाविनिर्दिष्ट कोई विभाग; 
    (झ) किसी संवर्ग-विशेष की नियमावली में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय "अनुशासनिक प्राधिकार” से अभिप्रेत है नियुक्ति प्राधिकार अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य प्राधिकार, जो नियम-14 में विनिर्दिष्ट शास्तियों में से किसी को सरकारी सेवक पर अधिरोपित करने के लिये इस नियमावली के अधीन सक्षम होंगे;
    (ञ) “सरकारी सेवक" से अभिप्रेत है कोई व्यक्ति जो
         (i) राज्य के अधीन किसी सेवा का सदस्य है अथवा सिविल पद धारण करता है और उसमें ऐसा व्यक्ति शामिल है जो वाहय सेवा में हो अथवा जिसकी सेवा सरकार अथवा किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकार को अस्थायी रूप से सौंपी गयी हो; 
        (ii) सरकार के अधीन किसी सेवा का सदस्य हो अथवा सिविल पद धारण करता हो - और जिसकी सेवा संघ सरकार अथवा किसी अन्य राज्य सरकार को अस्थायी रूप से सौंपी गयी हो; 
    (ट) नियुक्ति, अनुशासनिक, अपीलीय या पुनरीक्षणकर्ता प्राधिकार के रूप में शक्तियों के प्रयोग करने के प्रयोजनार्थ "विभागाध्यक्ष" से अभिप्रेत है ऐसा प्राधिकार, जिसे बिहार सेवा संहिता के अधीन विभागाध्यक्ष के रूप में घोषित किया गया हो; .. .
    (ठ) नियुक्ति, अनुशासनिक, अपीलीय या पुनरीक्षणकर्ता प्राधिकार के रूप में शक्तियों के प्रयोग करने के प्रयोजनार्थ "कार्यालय  प्रधान” से अभिप्रेत है ऐसा प्राधिकार जिसे कार्यालय प्रधान के रूप में घोषित किया गया हो; 
    (ड) “सचिव” से अभिप्रेत है किसी विभाग में सरकार का सचिव; 
    (ढ) “सेवा" से अभिप्रेत है राज्य की सिविल सेवा; .
    ण) "वैध नोटिस' से अभिप्रेत है सिविल प्रोसिड्योर कोर्ट एवं जेनरल क्लाउजेज एक्ट के अधीन प्रावधानित नोटिस ।
(3) नियमावली का लागू होना :- (1)यह नियमावली, निम्नलिखित को छोड़कर, सभी सरकारी सेवकों पर लागू होगी; 
     (क) अखिल भारतीय सेवा के किसी सदस्य; 
     (ख) आकस्मिक नियोजन में किसी व्यक्ति; 
     (ग) एक माह की अवधि से भी कम समय की सूचना पर सेवोन्मुक्ति के अधीन किसी व्यक्ति; 
     (घ) किसी ऐसे व्यक्ति पर, जिसके लिये इस नियमावली से आच्छादित मामलों के संबंध में विशेष उपबंध तत्समय प्रवृत किसी विधि द्वारा या के अधीन अथवा इस नियमावली के प्रारम्भ होने के पर्व या बाद सरकार के पूर्वानमोदन से, विशेष उपबंधों से आच्छादित मामलों के संबंध में किये गये किसी समझौते के अन्तर्गत किया जाता है । 
  (2) उप-नियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, सरकार के आदेश द्वारा, किसी वर्ग के सरकारी सेवक को इस नियमावली के किसी नियम या नियमों के उसके विरुद्ध प्रवर्तन से अपवर्जित किया जा सकेगा 
  (3) उप-नियम (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, यह नियमावली उप-नियम (1) के (घ) में आनेवाली सिविल सेवा या पद में अस्थायी रूप में स्थानान्तरित प्रत्येक सरकारी सेवक पर लागू होगी । 
  (4) यदि इस नियमावली के प्रावधानों के संबंध में कोई शंका उठती है  तो मामला सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के लिये . निर्देशित किया जायेगा, जिसका निर्णय अंतिम होगा ।


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