No: 2 Dated: Feb, 23 2019

(बिहार अधिनियम 2, 2019) 
बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए) आरक्षण अधिनियम, 2019 

      प्रस्तावना:-चूँकि संविधान (एक सौ तीनवाँ संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा भारत संविधान के क्रमश: अनुच्छेद 15 में खंड (6) एवं 16 में खंड (6) के अंतः स्थापन के अनुशरण में और राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को, जो बिहार सरकार में पदों तथा सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने हेतु अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए वर्तमान आरक्षण स्कीम के अधीन आच्छादित नहीं हैं, को प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण उपलब्ध कराना और; 
               बिहार सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण बिहार सरकार के पदों एवं सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए राज्याधीन सेवाओं एवं पदों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के माध्यम से पर्याप्त प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराने के लिए एक अधिनियम का प्रावधान करना आवश्यक एवं समीचीन है; 
         इसलिए अब भारत गणराज्य के सत्तरवें वर्ष में बिहार राज्य विधान मंडल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो : 
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार एवं प्रारम्भ।- (1) यह अधिनियम "बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए) आरक्षण अधिनियम, 2019" कहा जा सकेगा। 
    (2) यह सम्पूर्ण बिहार राज्य में लागू होगा। 
    (3) यह तुरंत के प्रभाव से प्रवृत्त होगा। 
2. परिभाषाएँ:- इस अधिनियम में जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो - 
    (क) "नियुक्ति प्राधिकारी/सक्षम पदाधिकारी" से किसी स्थापना में सेवा या पद के संबंध में, अभिप्रेत है नियुक्ति करने हेतु सशक्त प्राधिकारी/कोई व्यक्ति जो शैक्षणिक संस्थानों की दशा में नामांकन हेतु उत्तरदायी हो; 
    (ख) "विहित" से अभिप्रेत है, इस अधिनियम के अधीन बनी नियमावली द्वारा विहित और राजपत्र में  प्रकाशित; 
    (ग) "स्थापना" से अभिप्रेत है, राज्य के कार्यकलाप से जुड़े लोक सेवाओं और पदों पर नियुक्तियों से संबंधित राज्य का कोई कार्यालय या विभाग और इसमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं :
        (1) तत्समय प्रवृत्त किसी राज्य अधिनियम के अधीन गठित कोई स्थानीय या वैधानिक प्राधिकार, 
        (2) बिहार सहकारी समिति अधिनियम, 1935 (बिहार अधिनियम–6, 1935) के अधीन निबंधित कोई सहकारी संस्थान जिसमें राज्य सरकार द्वारा शेयर पूंजी लगाई गयी हो और जो राज्य सरकार से ऋण, अनुदान तथा साहायियकी आदि के रूप में सहायता प्राप्त करता हो और 
        (3) विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेज, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालय तथा ऐसे अन्य शैक्षिक संस्थान, जिन्हें राज्य सरकार ने स्वाधिकृत कर लिया हो या सहायता प्रदान करती हो, और 
        (4) सार्वजनिक क्षेत्र का प्रतिष्ठान; 
    (घ) "सार्वजनिक क्षेत्र की स्थापना" से अभिप्रेत है कोई उद्योग, वाणिज्य व्यापार या पेशा जो निम्न द्वारा स्वाधिकृत/नियंत्रित या प्रबंधित हो : 
        (1) राज्य सरकार या राज्य सरकार का कोई विभाग, 
        (2) कम्पनी अधिनियम, 1956 (अधिनियम-1, 1956) की धारा 617, में यथा परिभाषित सरकारी कम्पनी अथवा केन्द्र या राज्य अधिनियम द्वारा या उसके अधीन स्थापित निगम, जिसमें राज्य सरकार द्वारा समादत शेयर पूंजी के इक्यावन प्रतिशत से अन्यून शेयर पूंजी लगायी गई हो; 
     (ङ) "आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग" से अभिप्रेत है, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के ऑफिस मेमोरेन्डम F.No.36039/1/2019-Estt. (Res.) दिनांक 19.01.2019 में यथा परिभाषित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का कोई व्यक्ति; तथा जो भविष्य में समय-समय पर यथा संशोधित किया जाय ; 
    (च) "भर्ती वर्ष" से अभिप्रेत है पंचाग वर्ष जिसमें वस्तुतः भर्ती/नामांकन की जानी हो; 
    (छ) "आरक्षण" से अभिप्रेत है बिहार राज्य में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण; 
    (ज) "गुणागुण सूची" से अभिप्रेत है इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार तथा नियुक्ति करने के लिए या शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए लागू आदेशों के अनुसार गुणागुण क्रम से तैयार की गई व्यवस्थित उम्मीदवारों की सूची; 
    (झ) "राज्य" में सम्मिलित है बिहार राज्य की सरकार, विधानमंडल और न्यायपालिका एवं राज्य के भीतर अथवा राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकार एवं सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान; 
3. प्रयोज्यता (नियुक्ति करने के संबंध में)यह अधिनियम निम्नलिखित के संबंध में लागू नहीं होगा :-
    (क) केन्द्र सरकार के अधीन कोई नियोजन; 
    (ख) निजी क्षेत्र में कोई नियोजन; 
    (ग) घरेलू सेवाओं में कोई नियोजन; 
    (घ) जो स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति द्वारा भरे जाते हों; 
    (ङ)  जो किसी व्यक्ति की प्रतिनियुक्ति से रिक्त होता हो;
    (च) 45 (पैंतालीस) से कम दिनों के लिए अस्थायी नियुक्तियाँ;
    (छ) सेवारत सरकारी सेवक की मृत्यु पर अनुकम्पा के आधार पर की गई नियुक्ति, और 
    (ज) ऐसे अन्य पद जिसे राज्य सरकार, आदेश द्वारा, समय-समय पर, विनिर्दिष्ट करे,
 4. सीधी भर्ती के लिए आरक्षण:- 
     (1) किसी स्थापना में सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियों में, जो सीधी भर्ती द्वारा भरी जाने वाली हो, 10 प्रतिशत रिक्तियाँ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित रहेंगी। 
             यह प्रावधान राज्य में लागू अन्य किसी अधिनियम के द्वारा विभिन्न आरक्षित कोटि के लिए विहित आरक्षण के अतिरिक्त होगी।। 
             परन्तु राज्य से बाहर के अभ्यर्थी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ हेतु दावा नहीं करेंगे। 
    (2) अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवार, जो अपने गुणागुण के आधार पर चुने जाते हैं, की गणना खुली गुणागुण कोटि में की जायेगी।
 5. शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण:-
    (1) पूर्णत: या अंशत: सहायता प्राप्त राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित रहेंगी। 
            यह प्रावधान राज्य में लागू अन्य किसी अधिनियम के द्वारा विभिन्न आरक्षित कोटि के लिए विहित आरक्षण के अतिरिक्त होगी। 
            परन्तु राज्य से बाहर के अभ्यर्थी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ हेतु दावा नहीं करेंगे। 
    (2) अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवार, जो अपने गुणागुण के आधार पर चुने जाते हैं, की गणना खुली गुणागुण कोटि में की जायेगी। 
    (3)बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए संबंधित शैक्षणिक संस्थान द्वारा दी गई आरक्षण प्रतिशत एवं उनके द्वारा, समय-समय पर दी गई संशोधित आरक्षण प्रतिशत के सिवाय कोई अन्य  आरक्षण नहीं दिया जायेगा।

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