No: --- Dated: Oct, 01 2011

अनुभाग 1

1.  संक्षिप्त नाम विस्तार और प्रारम्भ - (i) यह नियमावली "बिहार कोषागार संहिता, 2011" कही जाएगी । 

  (ii) यह पूरे बिहार राज्य में प्रभावी होगी । 

  (iii) यह तात्कालिक प्राभाव से लागू होगा ।

अनुभाग 2 

2. परिभाषाएं :-  जब तक कोई बात विषय या संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो, इस नियमावली में:- 

  (क) "महालेखाकार (एकाउंटेंट जनरल)" से अभिप्रेत है भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कॉम्प्ट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) के अधीनस्थ (सबऑर्डिनेट) कार्यालय का प्रधान, जो राज्य सरकार के लेखों का लेखापरीक्षण (ऑडिट) अथवा संकलन (कंपाइलेशन) करता हो तथा राज्य सरकार द्वारा यथा समनुदेशित अन्य कार्य करता हो,

  (ख) ''परिशिष्ट'' से अभिप्रेत है इस नियमावली के साथ संलग्न परिशिष्ट, 

  (ग) “बैंक" से अभिप्रेत है भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक की कोई शाखा अथवा अभिकरण (एजेंसी) और इसमें भारतीय स्टेट बैंक या कोई अन्य अभिहित बैंक की कोई शाखा जो भारतीय रिजर्व बैंक के एजेन्ट के रूप में कार्य करने वाला हो, 

  (घ) ''विपत्र'' (बिल) से अभिप्रेत है राज्य सरकार के विरुद्ध सकल अथवा मदवार दावा की प्रकृति और राशि से युक्त दावों का विवरण (स्टेटमेंट ऑफ क्लेम्स) और इसमें ऐसा विवरण भी शामिल है जो सामान्य रसीद अथवा अग्रिम स्टांपित रसीद (स्टॉप्ड रिसिप्ट) के रूप में प्रस्तुत हो;

 (च) ''समाहर्ता (कलक्टर)" से अभिप्रेत है किसी जिले के राजस्व प्रशासन रिवेन्यू एडमिन्स्ट्रेशन) का प्रभारी तथा जिला के अंतर्गत कोषागारों के समग्र प्रभार में रहने वाले मुख्य अधिकारी, 

 (छ) "समेकित निधि (कन्सोलिडेटेड फंड)" से अभिप्रेत है भारत के संविधान के अनुच्छेद 266 के खंड (1) में यथानिर्दिष्ट राज्य की समेकित निधि, 

(ज) ''आकस्मिक निधि (कटिजेंसी फंड)'' से अभिप्रेत है भारत के संविधान के अनुच्छेद 267 के खंड (2) में यथानिर्दिष्ट राज्य की आकस्मिक निधि, 

(झ) “जमा प्रशासक (डिपोजिट एडमिन्स्ट्रेटर)" से अभिप्रेत है अपने प्रभार वाले जमा खाते से चेकों/ विपत्रों के जरिए धन निकासी करने वाला पदाधिकारी,

(ट) “निकासी पदाधिकारी (ड्राइंग ऑफिसर)" से अभिप्रेत है सरकार का वह अधिकारी जो भुगतान हेतु विपत्रों की निकासी करने के लिए प्राधिकृत हो,

 (ठ) "निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी (ड्राइंग एंड डिसबसिंग ऑफिसर)" से अभिप्रेत है सरकार का वह अधिकारी जो सरकारी खाते से रकम की निकासी करने और उसका संवितरण करने के लिए प्राधिकत हो, 

(ड) “वित्त विभाग'' से अभिप्रेत है राज्य सरकार का वित्त विभाग,

(ढ) “आयुक्त (लेखा एवं कोषागार प्रशासन)" से अभिप्रेत है वित्त विभाग का वह पदाधिकारी जो इस नियमावली के अधीन यथा विहित कार्य करता हो, 

(ण) 'सरकारी लेखा" से अभिप्रेत है राज्य सरकार की समेकित निधि, आकस्मिक निधि और लोक लेखा (पब्लिक एकाउंट);

 (त) "पेंशन संवितरण प्राधिकार'' (पेंशन डिसबर्सिंग ऑथरिटी) से अभिप्रेत है पेंशन का संवितरण करने वाले कोषागार पदाधिकारी अथवा बैंक, 

(थ) ''लोक लेखा'' से अभिप्रेत है भारत के संविधान के अनुच्छेद 266 के खंड (2) में निर्दिष्ट राज्य का लोक लेखा; 

(द) ''राज्य" से अभिप्रेत है 'बिहार राज्य से और राज्य सरकार से अभिप्रेत है 'बिहार सरकार, 

(घ) ''कोषागार" से अभिप्रेत है वित्त विभाग द्वारा इस रूप में अधिसूचित (नोटीफाइड) राज्य सरकार का कोई कोषागार। कोषागार में वह उप कोषागार भी शामिल हैं जो महालेखाकार को सीधे लेखा प्रेषित करता हो; 

(न) "कोषागार पदाधिकारी" से अभिप्रेत है इस नियमावली में यथाउल्लिखित कार्य करने के लिए वित्त विभाग द्वारा नियुक्त कोई पदाधिकारी और उनमें इस रूप में नियुक्त सहायक कोषागार पदाधिकारी तथा उप कोषागार पदाधिकारी भी शामिल हैं,

(प) ''वाउचर" से अभिप्रेत है वह विपत्र अथवा चेक जो उपयुक्त रूप से रसीद युक्त (रिसिप्टेड) हो तथा उस पर "भुगतान किया गया" (पेड) का स्टाम्प लगा हो,

(फ) ''आहरण'' राज्य सरकार की या राज्य सरकार की ओर से संवितरणों के लिए सरकारी कोष से राशियों के आहरण को निर्देश करता है, 

(ब) निर्माण विभाग में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, ग्रामीण कार्य, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, जल संसाधन (लघु जल संसाधन सहित), पर्यावरण एवं वन विभाग या राज्य सरकार का इस रूप में विनिर्दिष्ट कोई अन्य विभाग शामिल हैं।

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