No: 12 Dated: Apr, 18 2012

छत्तीसगढ़ अधिनियम 

(क्रमांक 12 सन् 2012)

छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (अधिवार्षिकी-आयु) (संशोधन) अधिनियम, 2012 

छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (अधिवार्षिकी-आयु) अधिनियम, 1967 (क्रमांक 29 सन् 1967) को और संशोधित करने हेतु अधिनियम. भारत गणराज्य के तिरसठवें वर्ष में छत्तीसगढ़ विधान मण्डल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो : 

1.(1) यह अधिनियम छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (अधिवार्षिकी-आयु) (संशोधन) अधिनियम, 2012 कहलायेगा. 

(2) यह 1 अप्रैल, 2012 से प्रवृत्त हुआ समझा जायेगा. 

2. छत्तीसगढ़ शासकीय सेवक (अधिवार्षिकी-आयु) अधिनियम, 1967 (क्रमांक 29 सन् 1967) की धारा 2 द्वारा यथा प्रतिस्थापित छत्तीसगढ़ राज्य में लागू मूलभूत नियम के नियम 56 में, निम्नलिखित संशोधन निगमित किया जाये, अर्थात् :

(एक) उप-नियम (1-क) में, शब्द “प्रत्येक शासकीय शिक्षक" के पश्चात् शब्द “उप-नियम (1-ङ) में विनिर्दिष्ट से भिन्न" अन्तःस्थापित किया जाए.

(दो) नियम 56 के उप-नियम (1-घ) के पश्चात, निम्नलिखित उप-नियम अन्त:स्थापित किया जाये, अर्थात् :-- 

(1-ङ) उप-नियम (2) के उपबंधों के अध्यधीन रहते हए, उच्च शिक्षा विभाग के अधीनस्थ शासकीय महाविद्यालय, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, शासकीय पॉलीटेक्निक संस्था, शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षक संवर्ग का ऐसा सदस्य एवं राज्य शासन के नर्सिंग शिक्षण संस्था में नर्सिंग प्राध्यापक वर्ग का नर्सिंग में एम.एस.सी. सदस्य, जो केवल क्लासरूम (कक्षा) शिक्षण कार्य में लगा हो तथा जो गैर शिक्षकीय अथवा प्रशासकीय पद को धारित न कर रहा हो, उस माह के, जिसमें कि वह पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त कर ले, अंतिम दिन के अपरान्ह में सेवानिवृत्त हो जायेगाः

 

परन्तु शिक्षक संवर्ग का ऐसा सदस्य जो शैक्षणिक पद पर धारणाधिकार रखता हो तथा जो प्रशासकीय पद को धारित कर रहा है, यदि पैंसठ वर्ष की आयु तक सेवा करना चाहता है तो उसे शिक्षकीय पद पर नियुक्ति हेतु विकल्प देना होगाः 

परन्तु यह और कि शिक्षक सवंर्ग का ऐसा सदस्य जो इस उप-नियम के अन्तर्गत सेवानिवृत्त होता है, जिसकी जन्मतिथि किसी मास की पहली तारीख हो, पूर्ववर्ती मास के अंतिम दिन के अपरान्ह में पैंसठ वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर सेवानिवृत्त हो जायेगा

"स्पष्टीकरण :-इस उप-नियम के प्रयोजन के लिए, "क्लासरूम (कक्षा) शिक्षण" का अर्थ होगा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 (1956 का 3) या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् अधिनियम, 1987 (1987 का 52), दंत चिकित्सा अधिनियम, 1948 (1948 का 16), भारतीय नर्सिंग कौंसिल अधिनियम, 1947 (1947 का 48), के अंतर्गत या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अन्तर्गत यथा प्राधिकृत कोई उपाधि या किसी अन्य अर्हता को प्रदान करने के लिए अग्रसर होते हुए किसी विषय या संकाय में पाठ्यक्रम या अध्ययन के कार्यक्रम का कक्षा में विद्यार्थियों को अध्यापन (शिक्षण)."

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