No: -- Dated: Apr, 27 2018

13 वें वित्त आयोग की सिफारिशों तथा 24.10.2009 को "लंबित प्रकरणों की संख्या तथा उनके निराकरण में विलंब को कम करने के लिए न्यायपालिका का सुदृढीकरण' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय विमर्श में लिए गए संकल्प के अनुसरण में राष्ट्रीय मुकदमा नीति विरचित की गई थी, जिसने मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा नीति 2011 के प्रख्यापन का मार्ग प्रशस्त किया। परंतु पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि उक्त नीति के उददेश्यों की प्राप्ति सुनिशचित करने के लिए उसका विस्तृत पुर्नविलोकन किया जाना आवश्यक है।

न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के आंकड़े यह बताते हैं कि लंबित मुकदमों में राज्य की ओर से प्रस्तुत किए गए मुकदमों की एक बड़ी संख्या है। मुकदमा नीति, लंबित प्रकरणों में राज्य के योगदान को कम करने के लिए एक दक्ष तथा उत्तरदायी रीति में, राज्य के मुकदमों को प्रबंधित करने का एक प्रयास है ताकि माननीय न्यायालय अन्य लंबित प्रकरणों के लिए अधिक समय दे सकें। वर्तमान मुकदमेबाजी के परिदृश्य के समीक्षात्मक पूर्वाविलोकन तथा इससे संबंधित विभिन्न मुद्दों पर एक व्यापक विमर्श से यह अनुभव किया गया कि जिले से लेकर राज्य तक तथा राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न स्तरों पर राज्य से संबंधित मुकदमों के प्रभावी प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट, व्यापक, प्रभावशाली तथा सशक्त नीति की आवश्यकता है। उपरोक्त प्रयोजन से विद्यमान नीति को पुनर्विलोकित कर एक नई नीति "मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति-2018" बनाई गई है।

English मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति, 2018

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