No: 5 Dated: Jan, 28 2013

उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम, 2012
(उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या 05 वर्ष 2013)

उत्तराखण्ड राज्य में उद्यम स्थापित करने के लिये आवश्यक समयबद्ध अनुज्ञापन, अनुजायें व स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए अधिनियम
भारत गणराज्य के तिरसठवें वर्ष में उत्तराखण्ड विधान सभा द्वारा निम्नवत् रूप में अधिनियमित हो :
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :- (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम “उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम, 2012” है। 
  (2) इसका विस्तार संपूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में होगा।
  (3) यह राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा।
2.  परिभाषाएं :- इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -  
  (क) "अधिनियम" से उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन अधिनियम, 2012 अभिप्रेत है; 
  (ख) “सरकार" से उत्तराखण्ड राज्य सरकार अभिप्रेत है; 
  (ग) “उद्यम" से वस्तुओं की किसी भी रीति से विनिर्माण या उत्पादन में, या कोई सेवा या सेवाओं उपलब्ध कराने या देने में लगा हुआ कोई औद्योगिक उपक्रम या कोई कारबार समुत्थान, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाये, अभिप्रेत है; 
  (घ) “जिला प्राधिकृत समिति" से धारा 3 के अधीन गठित जिला प्राधिकृत समिति अभिप्रेत है; 
  (ङ) “राज्य" से उत्तराखण्ड राज्य अभिप्रेत है, 
  (च) “राज्य प्राधिकृत समिति" से धारा 3 के अधीन गठित जिला प्राधिकृत समिति अभिप्रेत है; 
  (छ) "नोडल एजेंसी" से धारा 4 में निर्दिष्ट नोडल एजेंसियाँ अभिप्रेत है; 
  (ज) “विनिधानकर्ता" से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है, जो किसी नये उद्यम के या किसी विद्यमान उद्यम में आये या लाभ या सामान्य सामाजिक हित की प्राप्ति के लिए विस्तार, आधुनिकीकरण या विविधीकरण करने के लिए पूँजी विनिधान करता है 
  (झ) "अधिसूचना" से उत्तराखण्ड राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है और शब्द“अधिसूचित का तद्नुसार अर्थ लगाया जायेगा 
  (ञ) “अनुज्ञा” से उत्तराखण्ड राज्य में किसी उद्यम की स्थापना के सम्बन्ध में किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुज्ञा, अनापत्ति प्रमाण-पत्र अनुज्ञापन, आवंटन, सहमति, अनुमोदन रजिस्ट्रीकरण, नामांकन, अनुज्ञप्ति इत्यादि का मंजूर या जारी किया जाना अभिप्रेत है और इसमें ऐसी समस्त अनुज्ञाएं सम्मिलित होगी, जो किसी उद्यम द्वारा उसके कार्य प्रारम्भ करने तक किसी भी उत्तराखण्ड विधि के अधीन अपेक्षित हो; 
  (ट) "विहित" से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है; 
  (ठ) “रियायत” से राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक उपक्रमों के समूहों को दी जाने वाली सुविण अभिप्रेत है, 
  (ड) “सक्षम प्राधिकारी" से सरकार के कोई विभाग या एजेंसी, स्थानीय प्राधिकारी, संवैधानिक निकाय (इकाई) राज्य के स्वामित्व वाले निगम, ग्राम पंचायत, नगर पालिका या राज्य के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कोई भी प्राधिकारी या एजेंसी, जिनमें राज्य में उद्यम स्थापित करने और संचालन प्रारम्भ करने के लिए, अनुज्ञा प्रदान करने या जारी करने की शक्तियां और जिम्मेदारियां निहित हैं, अभिप्रेत है।
3. राज्य प्राधिकृत समिति एवं जिला प्राधिकृत समिति का गठन एवं आधिकारिता :- (1) सरकार, अधिसूचना द्वारा, ऐसे सदस्यों को शामिल कर, जो उसमें विहित किए गये हैं, राज्य स्तर पर एक राज्य प्राधिकृत समिति और राज्य के प्रत्येक जिले के लिए जिला प्राधिकृत समिति का गठन कर सकेगी। 
  (2) राज्य प्राधिकृत समिति और जिला प्राधिकृत समिति की अधिकारिकता- विनिधान का वह वर्ग, जिसके लिए या विनिधान की सीमाएँ  जहां तक राज्य प्राधिकृत समिति या किसी जिला प्राधिकृत समिति को अनुज्ञा के लिए आवेदनों पर विचार करने के लिए, और उन्हें निपटाने की अधिकारिकता ऐसी होगी, जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाएं। 
  (3) समिति के सदस्य व्यक्तिगत रूप से मीटिंग में भाग लेगें और भाग लेने में असमर्थ होने की स्थिति में एक वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को लिखित रूप से अधिकृत कर, उचित निर्णय लेने के लिए बैठक में भाग लेने हेतु नियुक्त करेंगे। 
  (4) (क) राज्य प्राधिकृत समिति या यथास्थिति, जिला प्राधिकृत समिति किसी भी उद्यम के स्थापनार्थ प्रस्ताव का परीक्षण करेगी और एक निर्णय लेगी तथा अपने निर्णय से उद्यमी और सम्बन्धित विभागों या प्राधिकारियों को ऐसे समय के भीतर, जो राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाय, अवगत करायेगी; 
    (ख) समिति ऐसे समयों और ऐसे स्थानों पर बैठक करेंगी एवं अपने कार्य निष्पादन के लिए ऐसी पद्धति अपनाएगी जैसा कि विहित किया जाय; 
    (ग) राज्य की किसी भी विधि की व्यवस्थाओं से रिवायत देने या छूट स्वीकृत करने या शिथिलीकरण के आवेदनों का राज्य प्राधिकृत समिति परीक्षण करेगी यदि कोई हों तो विभागों की टिप्पणियों का संज्ञान लेगी, जहां कहीं आवश्यकता हो विनिधानकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करेगी और सरकार को अपनी संस्तुतियां देगी।
Full Document