No: 11 Dated: Apr, 07 2016

उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016

(उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या 11 वर्ष 2016) 

ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत से सम्बन्धित विषयों के समेकन तथा उसके आनुषंगिक विषयों को उपबन्धित करने के लिए अधिनियम |

भारत गणराज्य के 67वें वर्ष में उत्तराखण्ड राज्य विधान सभा द्वारा निम्नलिखित अधिनियम बनाया जाता है;

भाग-एक 

अध्याय-एक

प्रारम्भिक

1. संक्षिप्त, नाम विस्तार, प्रारम्भ :- 1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम “उत्तराखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 2016” है। 

   (2) यह अधिनियम उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959, उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 अथवा छावनी परिषद अधिनियम, 1924 या तत्सम्बन्धित अधिनियमों के अधीन कोई क्षेत्र सम्मिलित किया जाये, के सिवाय सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में लागू होगा। 

   (3) यह अधिनियम तुरन्त प्रवृत्त होगा।

2. परिभाषाएं :- जब तक कि प्रसंग या सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, इस अधिनियम में:- . 

(1) "वयस्क" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जिसने अठारह वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो। 

(2) "ग्राम सभा" से किसी ग्राम पंचायत के क्षेत्र के भीतर समाविष्ट किसी ग्राम की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्तियों से गठित और धारा 3(क) के अधीन स्थापितकोई निकाय अभिप्रेत है;

 (3) "ग्राम्य क्षेत्र" से जिले में सभी स्तर के नगर निकाय क्षेत्रों तथा छावनी क्षेत्रों के अतिरिक्त राजस्व सम्बन्धी अभिलेखों में ग्राम के रूप में अभिलिखित हो अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा इस अधिनियम के प्रयोजनों के निमित्त सामान्य या विशेष आदेश द्वारा घोषित ग्राम भी सम्मिलित है; 

(4) "ग्राम पंचायत" से धारा 4(1) के अधीन स्थापित ग्राम पंचायत अभिप्रेत है।

(5) "क्षेत्र पंचायत" से इस अधिनियम के अधीन स्थापित क्षेत्र पंचायत तथा उसके अन्तर्गत क्षेत्र पंचायत की कोई समिति, सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत इस अधिनियम के अधीन किसी अधिकार का प्रयोग अथवा किसी कृत्य व कर्तव्य का सम्पादन करने के प्रयोजनार्थ प्राधिकृत या अपेक्षित समिति भी सम्मिलित

(6) "खण्ड" से कोई विकास खण्ड अभिप्रेत है; 

(7) "गृह" के अन्तर्गत कोई दुकान, गोदाम, छादक (शेड) तथा गाड़ी या पशु रखने के लिए प्रयुक्त कोई बाड़ा अभिप्रेत है; 

(8) "जिला पंचायत" से इस अधिनियम के अधीन निगमित जिला पंचायत अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत जिला पंचायत की कोई समिति तथा उसके जिला पंचायत का कोई सदस्थ अधिकारी या सेवक सम्मिलित है, जिसके द्वारा जिला पंचायत के इस अधिनियम के अधीन किसी अधिकार का प्रयोग अथवा किसी कृत्यों का सम्पादन करना प्राधिकृत या अपेक्षित हो, भी सम्मलित है:

(9) "पिछडे वर्गों" से उत्तराखण्ड में अन्य पिछडे वर्गों के लिए आरक्षण नियमावली जैसा कि राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट व्यवस्था अभिप्रेत है; 

(10) "अनुसूचित जातियों" से ऐसी जाति अभिप्रेत है, जो "संविधान" के प्रयोजनों के लिए अनुसूचित जातियां समझी जायं; 

(11) "अनुसूचित जनजातियों" से ऐसी जाति अभिप्रेत है तो “संविधान" के प्रयोजनों के लिए अनुसूचित जनजातियों के रूप में विहित की जाय; 

(12) "अनुसूचित बैंक” से “भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में" प्रयुक्त शब्द "अनुसूचित बैंक" अभिप्रेत है। 

(13) "नगर क्षेत्र" से नगरपालिका अधिनियम के अधीन उसकी दी गयी परिभाषा अभिप्रेत है। इसमें नगर क्षेत्र में नगर निकायों के सभी स्तर की निकायों के अन्तर्गत पड़ने बाले क्षेत्र सम्मिलित होंगे; 

(14) “छावनी" तथा "छावनी बोर्ड के वही अर्थ होंगे, जो छावनी अधिनियम, 1924 के अधीन इन शब्दों के लिए दिए गए है: 

(15) “भूमि प्रबन्धक समिति" से इस अधिनियम के प्रयोजनार्थ ग्राम पंचायत की भूमि  प्रबन्धक समिति अभिप्रेत है; 

(16) "पंचायत" से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इस अधिनियम के अधीन तीनों स्तरों के लिए गठित “पंचायतें" अभिप्रेत है; 

(17) "पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों" से ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र, क्षेत्र पंचायतों के सन्दर्भ में किसी क्षेत्र पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों तथा जिला पंचायत के सन्दर्भ में किसी जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र अभिप्रेत है: 

(18) सम्बन्धित पंचायत यथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के सन्दर्भ में "अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष" से क्रमशः इन संस्थाओं के प्रधान या उप प्रधान, प्रमुख या उप प्रमुख तथा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष अभिप्रेत है; 

(19) "पंचायत कर्मचारी" से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं में नियोजित व उसकी सेवा में हो, भले ही वह वेतन राज्य सरकार के कोष से पाता हो; 

(20) "कलेक्टर" जिला मजिस्ट्रेट व सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट का किसी पंचायत के सम्बन्ध में यथास्थिति, उस जिले या परगना अभिप्रेत है. जिसमें ऐसी पंचायत संगठित की गई हो, कलेक्टर, जिला मजिस्ट्रेट या सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट से और शब्द कलेक्टर में एडिशनल कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट में एडीशनल जिला मजिस्ट्रेट और सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट में एडीशनल मजिस्ट्रेट भी शामिल है जिसे इस अधिनियम के अधीन अपना कोई कृत्य या अधिकार प्रतिनिहित किया हो; 

(21) "जिला मजिस्ट्रेट" से दण्ड प्रक्रिया संहिता, 13 की धारा 20 के अधीन नियुक्त जिला मजिस्ट्रेट अभिप्रेत है; 

(22) "जिला स्तर के अधिकारी" से जिले का ऐसा अधिकारी अभिप्रेत है, जिन्हें राज्य सरकार समय-समय पर राजपत्र में विज्ञप्ति द्वारा इस रूप में निर्दिष्ट करें: 

(23) "राज्य निर्वाचन आयोग" से संविधान के अनुच्छेद 243-ट में निर्दिष्ट राज्य निर्वाचन आयोग अभिप्रेत है;

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