No: 1878 Dated: Dec, 27 2016

प्रकीर्ण 

राज्यपाल, "भारत का संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा इस विषय के समस्त विद्यमान नियमों और आदेशों का अधिकमण करते हुए उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी राजपत्रित सेवा में भर्ती और उसमें नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों को विनियमित करने के लिए निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं: 

उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा नियमावली-2016 

भाग-1 सामान्य 

1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ  :- 1. इस नियमावली का संक्षिप्त नाम "उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा नियमावली, 2016" है। 

2. यह तुरन्त प्रवृत्त होगी। 

2. सेवा की प्रास्थिति :-. उत्तराखण्ड राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा में समूह 'क' व समूह 'ख' पद सम्मिलित है। 

3.परिभाषाएं :- जब तक कि विषय या संदर्भ में कोई बात प्रतिकूल न हो, इस नियमावली में :-

(क) “नियुक्ति प्राधिकारी" से राज्यपाल अभिप्रेत है। 

(ख) “भारत का नागरिक'' से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो "भारत का संविधान" के भाग-दो के अधीन भारत का नागरिक हो या भारत का नागरिक समझा जाता है; 

(ग) ''आयोग'' से लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड़ अभिप्रेत है; 

(ध) 'संविधान' से “भारत का संविधान" अभिप्रेत है; 

(ड.) ''सरकार'' से उत्तराखण्ड की राज्य सरकार अभिप्रेत है; 

(च) ''राज्यपाल'' से उत्तराखण्ड के राज्यपाल अभिप्रेत है; 

(छ) ''सेवा का सदस्य" से इस नियमावली के प्रारम्भ से पूर्व प्रवृत्त इस नियमावली या आदेशों के अधीन मौलिक पद पर नियुक्त व्यक्ति अभिप्रेत है; 

(ज) ''सेवा'' से उत्तराखण्ड, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा अभिप्रेत है; 

(झ) “मौलिक नियुक्ति से सेवा के संवर्ग में किसी पद पर ऐसी नियुक्ति" अभिप्रेत है, जो तदर्थ नियुक्ति न हो और नियमानुसार चयन के पश्चात की गई हो और यदि कोई नियम न हो तो सरकार द्वारा जारी किये गये कार्यपालक अनुदेशों द्वारा तत्समय विहित प्रक्रिया के अनुसार चयन के पश्चात की गई हो; तथा 

(ञ) 'भर्ती का वर्ष" से कलेण्डर वर्ष के जुलाई के प्रथम दिवस से आरम्भ होने वाली बारह मास की अवधि अभिप्रेत है। 

भाग 2-संवर्ग 

4. सेवा संवर्ग :- (1) सेवा में अधिकारियों तथा उसमें प्रत्येक श्रेणी के पदों की संख्या उतनी होगी, जो समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित की जाये। 

(2) सेवा में अधिकारियों तथा उसमें प्रत्येक श्रेणी के पदों की संख्या जब तक उपधारा (1) के अधीन पारित आदेशों द्वारा परिर्वतन न किया जाये, उतनी होगी जो परिशिष्ट-'क' में दी गई है: परन्तु यह कि 

(क) नियुक्ति प्राधिकारी किसी रिक्त पद को खाली छोड सकेगें अथवा राज्यपाल किसी पद को इस प्रकार प्रास्थगित कर सकेगें कि कोई व्यक्ति प्रतिपूर्ति का हकदार नही होगा; । 

(ख) राज्यपाल ऐसे स्थाई अथवा अस्थाई पद सृजित कर सकते हैं, जैसा वे उचित समझें। 

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