No: एफ 15-01/2020/1-10 Dated: May, 05 2022

भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 ए के अंतर्गत प्रकरणों का मानकीकरण एवं संचालन के संबंध में प्रक्रिया का निर्धारण 

 

संदर्भ:– भारत सरकार, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) के परिपत्र क्रमांक 428/07/2021-ए.वी.डी. 4(बी) दिनांक 03/09/2021 

भारत सरकार कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) के परिपत्र क्रमांक 428/07/2021-ए.वी.डी.4(बी) दिनांक 03/09/2021 द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 ए के अंतर्गत प्रकरणों के मानकीकरण एवं संचालन के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। इन निर्देशों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17 ए के तहत कार्यवाही किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं।

2. इसी परिप्रेक्ष्य में इस विभाग के समसंख्यक पत्र दिनांक 27.09.2021 द्वारा भारत सरकार के उपरोक्त पत्र की छायाप्रति संलग्न भेजकर उपरोक्त निर्देशों की कंडिका 5.3 के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 ए के तहत प्राप्त प्रकरण को ग्राहय करने हेतु संबंधित विभाग के अवर सचिव से अनिम्न स्तर के अधिकारी को अधिकृत कर नामांकित करने के निर्देश दिये गये हैं।

3. भारत सरकार द्वारा उपरोक्त एस.ओ.पी. जारी करने के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा निम्नानुसार प्रकिया निर्धारित की जाती है:-

1. धारा 17 ए के अंतर्गत निर्णय लेने संबंधी सक्षम प्राधिकारी अखिल भारतीय सेवा एवं वर्ग-1 के अधिकारियों के मामले में समन्वय में माननीय मुख्यमंत्रीजी होंगे तथा वर्ग-2, वर्ग-3 एवं वर्ग-4 के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मामले में संबंधित प्रशासकीय विभाग होगा। 

2. धारा 17 ए के अंतर्गत अनुमति हेतु प्राप्त प्रस्ताव का सर्वप्रथम 'संबंधित प्रशासकीय विभाग के नामांकित अधिकारी द्वारा चेकलिस्ट अनुसार प्रस्ताव की पूर्णता की जांच की जाएगी। प्रस्ताव पूर्णरूपेण होने की स्थिति में संबंधित विभाग प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर अखिल भारतीय सेवा एवं वर्ग -1 के अधिकारेयों के मामलों में समन्वय में आदेश प्राप्त करेगा एवं अन्य के मामलों में प्रशासकीय अनुमोदन के आधार पर निर्णय अनुसार जांच एजेन्सी को निर्णय से अवगत करायेगा। 

4. उपरोक्त निर्देशों का कृपया कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये।

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