No: F 6-15/2014 Dated: Mar, 04 2014

प्रब्‍याजि एवं वार्षिक भू-भाटक निर्धारण के लिए नीति

राज्य सरकार, एतद्द्वारा, ऐसे प्रकरणों में जिनमें कृषि भिन्न प्रयोजन के लिए शासकीय भूमि/नजूल भूमि की तात्कालिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भूमि का अग्रिम आधिपत्य दिया गया है और ऐसे प्रकरणों में औपचारिक आबंटन आदेश बाद में जारी किए गये हैं अथवा औपचारिक आबंटन आदेश जारी होना शेष हैं, प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए प्रब्याज एवं वार्षिक भू-भाटक निर्धारण के लिये निम्नानुसार नीति जारी करती है :-

(क) प्रब्याजि -

1. भूमि आबंटन के ऐसे प्रकरणों में जिनमें राज्य सरकार द्वारा अथवा आयुक्त या कलेक्टर द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड चार क्रमांक 1 और तत्संबंधी निर्देशों के अनुसार औपचारिक आबंटन की स्वीकृति के पूर्व भारत सरकार के किसी मंत्रालय/विभाग/उपक्रम या राज्य सरकार के किसी उपक्रम (निगम/मंडल/ विकास प्राधिकरण) सहकारी संस्थाएं गृह निर्माण सहकारी संस्थाएं, स्थानीय निकाय सुधार न्यास, सामाजिक, सांस्कृतिक या पूर्त संस्थाएं अथवा औद्योगिक/वाणिज्यिक प्रयोजन के लिये किसी व्यक्ति/संस्था को भूमि का अग्रिम आधिपत्य सौंपा गया है और ऐसे मामलो में अंततः राज्य सरकार द्वारा भूमि आवंटन का निर्णय लिया जाता है तो जिस वर्ष भूमि का अग्रिम आधिपत्य सौंपा गया था उस वर्ष की कलेक्टर द्वारा निर्धारित गाइड लाइन पर संगणित बाजार मूल्य के बराबर प्रव्याजि का निर्धारण किया जाएगा और यदि आबंटिती द्वारा अग्रिम आधिपत्य के समय प्रब्याज की राशि जमा कराई गई है तो ऐसी राशि का उक्तानुसार निर्धारित प्रब्याजि में समायोजन किया जायेगा।

2. (i) यदि अंतर की राशि आबंटिती के पक्ष में देय होती है तो ऐसी स्थिति में अंतर की राशि का समायोजन आगामी वर्षों के वार्षिक भूभाटक के पेटे किया जाएगा; और

   (ii) यदि अंतर की राशि शासन के पक्ष में देय होती है तो ऐसी बकाया राशि 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज राशि वसूल की जाएगी।

भू-भाटक -

1. अग्रिम आधिपत्य में दी गयी भूमि का औपचारिक आबंटन जारी किए जाने पर प्रयोजन के अनुसार वार्षिक भू-भाटक नियत किया जाएगा।

2. इस प्रकार नियत किया गया वार्षिक भू-भाटक अग्रिम आधिपत्य की दिनांक से देय होगा।

3. यदि देय वार्षिक भू-भाटक की राशि बकाया है तो ऐसी बकाया राशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज राशि भी वसूल की जाएगी।

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