Updated: Mar, 04 2021

Rule 19 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 19. द्वितीय विश्व युद्ध में की गई युद्ध सेवा की गणना (Counting of War service rendered in World War II) - उन शासकीय सेवकों के प्रकरण में, जो इस नियम के लागू होने की तिथि पर, अथवा उसके पश्चात् सेवानिवृत्त अथवा दिवंगत हो जाते हैं और जो सिविल पदों पर नियुक्त किये गये थे और 9-10-69 के पूर्व आर्मी में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की गई "युद्ध सेवा" को सिविल अथवा अन्य मिलिटरी सेवा के योग के साथ संगणित करने के लिये आवेदन करते हैं यदि ऐसी सेवा में नियक्ति, शासन के अधीन किसी पेंशन योग्य पद पर बगैर व्यवधान के होती है तो सिविल पेंशन के लिये सम्पूर्ण सेवा संगणित करने की अनुमति निम्नानुसार शर्तों के अधीन दी जा सकेगी, अर्थात् -

(i) सम्बन्धित शासकीय सेवक द्वारा नियम के अधीन प्रश्नाधीन सेवा के सम्बन्ध में कोई पेंशन अर्जित नहीं की गई हो।

(ii) उन सेवाओं अथवा पदों के प्रकरण में जिसके सम्बन्ध में भरती के लिये न्यूनतम आयु निर्धारित की गई है उस आयु से कम की, कोई मिलिटरी अथवा युद्ध की सेवा पेंशन के लिये संगणित करने की अनुमति नहीं दी जावेगी।

(iii) भारत की सशस्त्र सेना में की गई "युद्ध सेवा" पेंशन के लिए संगणित करने की अनुमति दी जावेगी,

(iv) सम्बन्धित शासकीय सेवक से उसकी "युद्ध सेवा" के सम्बन्ध में उसे भुगतान किये गये बोनस अथवा युद्ध उपदान को वापस नहीं मांगा जावेगा। फिर भी, यदि शासकीय सेवक को युद्ध और युद्ध के पश्चात् की (दोनों) अवधियों को मिलाते हुए कोई निवृत्ति उपदान स्वीकृत किया गया है तो ऐसा उपदान निम्नलिखित खण्ड (vi) के अनुसार वापसी योग्य होगा।

(v) मिलिटरी/युद्ध सेवा और सिविल सेवा के बीच का खण्डन स्वतः ही दोषमार्जित हुआ माना जावेगा बशों की खण्डित काल की अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं हो। अपवादिक प्रकरणों में शासन के विशेष आदेशों के अधीन एक वर्ष से अधिक परन्तु तीन वर्ष से कम के खण्डन को भी दोषमार्जित किया जा सकेगा। फिर भी, खण्डन अवधि पेंशन के लिये संगणित नहीं होगी।

(vi) लेखा संहिता जिल्द एक के परिशिष्ट तीन के भाग चार की कण्डिका - 12 के अनुसार पेंशनिक दायित्व “युद्ध सेवा" के लिये राज्य शासन और मिलिटरी सेवा के लिये रक्षा प्राधिकारीयों पर न्यागत होता है। इसीलिये युद्ध सेवा अवधि के लिये निवृत्ति उपदान की वापसी और उसका आंकलन राज्य शासन के राजस्व में किया जावे और मिलिटर सेवा (यद्धकालीन सेवा के अतिरिक्त) के लिये निवृत्ति उपदान की वापसी और उसका आंकलन रक्षा प्राधिकारियों द्वारा किया जाना चाहिये।

टिप्पणी - (1) इस नियम के प्रयोजनों के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सिविल रक्षा विभाग में किसी व्यक्ति द्वारा की गई सेवा को "युद्ध सेवा" माना जावेगा।

(2) जहाँ कोई शासकीय सेवक, साधारण पेंशन के लिये पात्र होने पर भी निःशक्तता पेंशन (Disability Pensions) प्राप्त करता है और निर्योग्यता पेंशन में साधारण पेंशन (Ordinary Pension) के तत्व सम्मिलित हैं तो वह सिविल पेंशन में युद्ध/मिलिटरी सेवा को संगणित करने का पात्र नहीं हैं।