Posted on 12 Jan, 2018 3:08 pm

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के 8 दुर्गम वन ग्रामों में पिछले 70 साल से बिजली की रोशनी का इंतजार तब खत्म हुआ जब इन गाँवों में बिजली का बल्ब जलाकर दिखाया गया। जिले के भिलमाढाना वन एवं राजस्व, कोटरी, छींदखेड़ा, हींगपानी, टुईयापानी, सांवरी तथा भौंभरी गाँवों ने इससे पहले कभी बिजली की रोशनी नहीं देखी थी। कठिनाइयों, घने जंगलों एवं दुर्गम पहाड़ों के कारण गाँवों तक बिजली पहुँचाना बेहद कठिन था, लेकिन ऊर्जा विभाग के अमले की दृढ़-इच्छाशक्ति ने इस कार्य को भी कर दिखाया है। आज इन गाँवों में लालटेन के स्थान पर बिजली की रोशनी देखकर त्यौहार जैसा माहौल बना हुआ है। ग्रामवासियों को चहुँमुखी विकास की धारा में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री मुकेश चन्द गुप्ता ने नरसिंहपुर के अधीक्षण यंत्री एवं उनकी टीम की सराहना की है।

नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा एवं तेंदूखेड़ा के घने जंगलों से घिरे सतपुड़ा की चोटी पर स्थित इन गाँवों में ग्रामीणों की दिनचर्या सूर्यास्त के बाद ठहर जाती थी। बिजली न होने के कारण मजदूरी के अलावा रोजगार के अन्य कोई साधन भी नहीं थे। इन दुर्गम गाँवों तक बिजली पहुँचाने के लिये इसके पूर्व भी कई प्रयास किये गये लेकिन विभिन्न बाधाओं के कारण ये गाँव हमेशा विद्युतीकरण से अछूते रहे। केन्द्र सरकार की दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना लागू होने के बाद इन गाँवों की तस्वीर बदल गई है। योजना के तहत आवंटित राशि से गाँवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद वन विभाग को लगभग एक करोड़ 26 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति तथा 6.286 एकड़ वैकल्पिक जमीन आवंटित करने के बाद ही यह भागीरथी प्रयास सफल हो सका।

विद्युतीकरण कार्य में स्थानीय ग्रामवासियों को रोजगार स्वरूप कार्य करने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। जिले में बड़ी संख्या में हो रहे अन्य विद्युतीकरण के कार्यों में भी उनके लिये रोजगार की संभावनाएँ उत्पन्न हुई हैं। ग्रामों में बिजली आ जाने से मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प और अन्य योजनाओं में ग्रामवासियों को शामिल होने का अवसर भी मिल गया है।

इन गाँवों के विद्युतीकरण में सबसे बड़ी चुनौती सामग्री के परिवहन की थी। घने जंगलों में बसे इन गाँवों के पहुँच मार्ग परिवहन लायक नहीं थे, जिससे बिजली के खम्भों, ट्रांसफार्मर, केबिल तथा अन्य सामग्री भेजना कठिन था, लेकिन कम्पनी के अधिकारियों-कर्मचारियों की लगन से यह कार्य पूरा हो सका। बिजली पहुँचाने के इस अभियान में 8 गाँवों में 8 ट्रांसफार्मर, 11 के.व्ही. की 45 कि.मी. केबिल, 7.5 कि.मी. एल.टी. लाइन का उपयोग किया गया। सौभाग्य योजना में 353 हितग्राहियों को नि:शुल्क नवीन कनेक्शन प्रदान किये गये। इस प्रकार लगभग 2 हजार 600 ग्रामवासी लाभान्वित हुए। इस अभियान में कुल 4 करोड़ 56 लाख 34 हजार रुपये व्यय

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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