Posted on 15 Jan, 2019 5:03 pm

 

आयुष्‍मान भारत 'निरामयम' योजना में डिजायारेबिलिटी और फिजिबिलिटी सार्टिफिकेट के आधार पर भी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित निजी चिकित्सा महाविद्यालयों का इम्पेनलमेंट हो सकेगा। ऐसे निजी चिकित्सा महाविद्यालय को एन.ए.बी.एच. प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के लिये एक वर्ष की समयावधि दी जायेगी। योजना में अभी तक चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित निजी चिकित्सालय महाविद्यालयों को एन.ए.बी.एच. अधिमान्यता प्रमाण-पत्र के आधार पर ही इम्पेनलमेंट किया जा रहा है।

इम्पेनलमेंट के संबंध में संशोधन परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को आयुष्‍मान भारत योजना में इम्पेनलमेंट कराने के लिये ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य इम्पेनल्ड समिति संचालक चिकित्सा शिक्षा के अभिमत और अनुशंसा के आधार पर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को इम्पेनल्ड करने का निर्णय करेगी। संचालक चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय विशेषज्ञों की टीम के माध्यम से विभाग के अन्तर्गत आने वाले और इम्पेनल्ड के लिये इच्छुक नॉन एन.ए.बी.एच. निजी चिकित्सा महाविद्यालयों का फिजिकल वेरीफिकेशन करवायेंगे। जिन विषय विशेषज्ञताओं के लिये निजी चिकित्सा महाविद्यालय अधिकृत है, उन सभी के लिये आयुष्‍मान भारत निरामय योजना में हितग्राहियों को उपचार उपलब्ध कराना होगा। राज्य इम्पेनलमेंट समिति के अनुमोदन उपरांत परिषद् और निजी चिकित्सालय महाविद्यालय के बीच निर्धारित समय-सीमा में एम.ओ.यू. किया जाना जरूरी होगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश