Posted on 05 Jan, 2018 6:35 pm

परम्परागत तरीके से शहडोल जिले के सोहागपुर विकासखंड के ग्राम खेतौली में खेती कर रहे आदिवासी किसान लल्लू सिंह ने अंतरवर्ती खेती तकनीक से मक्का के साथ भिण्डी और मिर्च की फसल ली। लागत आई 6 हजार और शुद्ध लाभ हुआ 24 हजार रुपये का। इस तरह उन्होंने चौगुना लाभ कमाया।

लल्लू सिंह पहले पुराने तरीके से खेती किया करते थे, जिससे उन्हें ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता था। कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषक संगोष्ठी और कृषि वैज्ञानिकों से कृषि की नवीन तकनीक तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी मिलने पर उन्होंने अंतरवर्ती खेती की नई तकनीकी और गुर सीखे। कृषि विभाग से बर्मी कम्पोस्ट पिट और बायोगैस संयंत्र बनवाया। विभाग से शंकर प्रजाति का मक्का एनएमएच 803 बीज प्राप्त कर एक एकड़ में कतारों के बीच प्लास्टिक मल्च लगाकर मक्का की बोनी की और ड्रिप सिंचाई पद्धति से सिंचाई की।

लल्लू सिंह को मक्का के साथ भिण्डी एवं मिर्ची की अंतरवर्ती खेती करने में 6 हजार रुपये की लागत आई। लाभ हुआ 24 हजार रुपये का। लल्लू सिंह के अनुसार वह आगामी खरीफ सीजन में मक्का, भिण्डी और मिर्ची की खेती का रकबा बढ़ायेगा। अब उन्होंने कृषि विभाग से धान की श्री पद्धति की खेती का भी तकनीकी ज्ञान लेकर खेती की किस्म में वृद्धि करने की ठान ली है।

सक्सेस स्टोरी (शहडोल)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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