Posted on 02 Jun, 2018 3:40 pm

 

आजीविका मिशन प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में घरेलू और जरूरतमंद महिलाओं को सफल उद्यमी बनाने में मददगार साबित हो रहा है। मिशन में महिलाओं को उनकी रूचि के कारोबार के लिये प्रशिक्षण की अच्छी व्यवस्था है। साथ ही, कारोबार स्थापित करने के लिये वित्तीय मदद भी मुहैया करवायी जाती है।

धार जिले में ग्राम गुणावद में श्रीमती अनुसुईया कुमावत ने आजीविका मिशन की मदद से अपना सिलाई ट्रेनिंग सेन्टर शुरू किया है। साथ ही, कटलरी, किराना, फॉल-पीको तथा साड़ी की दुकान भी चलाती हैं। अनुसुईया वर्ष 2013 में स्थानीय श्रीराम आजीविका स्व-सहायता समूह से जुड़ी। समूह ने आरसेटी से इन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिलवाया। अनुसुईया ने लोन लेकर सिलाई मशीन खरीदी और कपड़े सिलने का काम शुरू किया।

अनुसुईया को कारोबार स्थापित करने में समूह ने 27 हजार 500 रुपये की मदद की और बैंक से 34 हजार रुपये का लोन मिला। अब इसके सिलाई सेन्टर और साड़ी की दुकान में परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग कर रहे हैं। हर महीने आसानी से 20 हजार रुपये से भी अधिक आमदनी होने से पूरा परिवार प्रसन्न है। अनुसुईया लोन की किश्तें हर महीने चुका रही है। कारोबार की आमदनी से अनुसुईया ने अपने छोटे से मकान में दो नये कमरे भी बनवा लिये हैं।

पन्ना जिले के ग्राम खतवार में खेतों में मजदूरी करने वाली महिलाएँ आजीविका मिशन की मदद से अब अगरबत्ती बनाने की इकाई चला रही हैं। इससे इन महिलाओं को हर महीने 5 हजार रुपये से भी अधिक आमदनी हो रही है। इनकी बनाई अगरबत्ती पन्ना जिले के हर मार्केट में बिक रही है।

जिले का ग्राम खतवार काफी पिछड़ा और आदिवासी बाहुल्य ग्राम है। आज अगरबत्ती निर्माण यूनिट से जुड़ी महिलाएँ पहले खेतों में मजदूरी करती थीं और जंगल से लकड़ी काटकर हाट-बाजार में बेचती थीं। दिनभर मेहनत करने के बावजूद उन्हें घर चलाने लायक आमदनी भी प्राप्त नहीं होती थी। आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद इन महिलाओं की जिन्दगी में बदलाव के साथ-साथ आर्थिक मजबूती भी आई है।

सक्सेस स्टोरी (धार,पन्ना)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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