Posted on 04 Jan, 2018 6:40 pm

महाकाल की पवित्र नगरी उज्जैन में शुक्रवार 5 जनवरी से तीन दिवसीय द्वादश ज्योतिर्लिंग सम्मेलन 'शैव महोत्सव'' का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में सभी मंदिरों के अधिदैविक, अधिभौतिक एवं आध्यात्मिक महात्म्य, पूजन एवं परम्पराओं पर चर्चा की जायेगी। इस दौरान विभिन्न सत्रों में कर्मकाण्ड, वेद-वेदांग, सामाजिक समरसता आदि विषयों पर संगोष्ठी आयोजित कर मंथन किया जायेगा। महोत्सव में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 'श्री महाकालेश्वर वेद अलंकरण'' सम्मान भी दिया जायेगा।

आयोजन का उद्देश्य

शैव महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य विश्व-स्तर पर द्ववादश ज्योतिर्लिंग के महात्म्य को प्रसारित करना है। हिन्दू धर्म-संस्कृति एवं दर्शन पर गहन विचार-मंथन एवं चिन्तन कर उन्हें समसामयिक संदर्भ में प्रतिपादित करना, हिन्दू धर्म संस्थानों की गरिमा के अनुरूप वेदोक्त पूजा पद्धति की साम्य के साथ निरूपित करना, वेदोक्त एवं पुराणिक संदर्भों के अनुरूप आधुनिक प्रबंधन तकनीक एवं संसाधनों का प्रयोग करते हुए पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के अनुकूल उत्कृष्ट व्यवस्था का निर्माण करना एवं इसके लिये द्वादश ज्योतिर्लिंगों के व्यवस्था प्रबंधन एवं समन्वयन करना, सामाजिक लोक उत्तरदायित्व के कार्यों का विस्तार किये जाने पर विचार एवं इसके माध्यम से सामाजिक समरसता के स्थापन का कार्य करना शामिल है। राष्ट्रोत्थान के लिये द्वादश ज्योतिर्लिंग संस्थानों की प्रतिभागिता एवं समन्वय, शैव एवं वैष्णव देवस्थान जो कि आदिकाल से राष्ट्रीय चेतना के केन्द्र रहे हैं, के गौरव की पुनर्स्थापना तथा आध्यात्मिक मनोभाव के साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है।

 

शैव महोत्सव में प्रबोधन के विषय

शैव महोत्सव में भगवान के निराकार स्वरूप का विवेचन और विभिन्न शैव दर्शनों का प्रतिपादन होगा। साथ ही आगम/तंत्र ग्रंथ, पुराण, स्मृति वेदांत में भगवान के साकार स्वरूप का विवेचन किया जायेगा। मंदिरों की व्यवस्था एवं प्रबंधन पर पौराणिक सन्दर्भों को दृष्टिगत रखते हुए आधुनिक प्रबंधन पद्धति एवं संस्थान का प्रयोग करते हुए उत्कृष्ट व्यवस्था का निर्माण किया जायेगा। सामाजिक एवं शैक्षिक प्रकल्पों के माध्यम से सामाजिक समरसता की चेतना का प्रसार कैसे किया जाये, इस विषय पर चर्चा की जायेगी। गौ-सेवा, शिक्षा, जैविक कृषि, शून्य बजट कृषि एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति पर चिन्तन भी किया जायेगा।

शोभायात्रा का मार्ग

शैव महोत्सव के दौरान 5 जनवरी को शाम 4 बजे भव्य शोभायात्रा श्री महाकालेश्वर मंदिर से निकलेगी। शोभायात्रा का मार्ग महाकाल मंदिर से कोट मोहल्ला चौराहा, गुदरी चौराहा, रामानुजकोट, कार्तिक चौक, दानीगेट, ढाबा रोड, कंठाल चौराहा, सतीगेट, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए वापस महाकाल मंदिर पर सम्पन्न होगी।

शैव कला संगम एवं प्रदर्शनी

शैव महोत्सव के अंतर्गत 5, 6 एवं 7 जनवरी को बारह ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति, भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों के चित्रों तथा सभी वेदों के वैज्ञानिक पक्ष पर आधारित चित्र एवं शैवदर्शन पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। इसमें चित्रकारों को आमंत्रित कर उनके चित्रांकनों का भी प्रदर्शन किया जायेगा। यह प्रदर्शनी स्वामी सन्तदास उदासीन आश्रम नृसिंह घाट रोड पर आयोजित की गई है।

कार्यक्रम की रूपरेखा

शैव महोत्सव-2018 के अंतर्गत प्रथम दिवस 5 जनवरी को आयोजन स्थल सन्तदास उदासीन आश्रम नृसिंह घाट पर प्रात: 8 से 9 बजे तक पंजीयन के उपरान्त प्रात: 9.30 से 11.30 तक उद्घाटन सत्र होगा, 11.45 से 1.30 तक उद्बोधन सत्र होगा तथा दोपहर 1.30 से 3 बजे तक महाप्रसादी के पश्चात सायं 4 बजे से शोभायात्रा श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होगी।

शैव महोत्सव के द्वितीय दिवस 6 जनवरी को प्रात: 9.30 से 11 बजे तक उद्बोधन सत्र होगा, 11.15 से एक बजे तक द्वितीय उद्बोधन सत्र होगा। एक बजे से 2.30 तक महाप्रसादी के पश्चात दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक तृतीय उद्बोधन सत्र होगा। चतुर्थ उद्बोधन सत्र का समय सायं 4.45 से 6.30 तक रहेगा। सायं 6.30 बजे से 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी उद्बोधन सत्र सभी चार व्यासपीठों पर समानान्तर रूप से आयोजित होंगे।

शैव महोत्सव के तृतीय एवं अंतिम दिवस पर प्रात: 9 बजे से 10 बजे तक स्वामी सन्तदास उदासीन आश्रम नृसिंह घाट पर आयोजित कार्यक्रम में अनुभव कथन होंगे। समापन सत्र प्रात: 10.30 से प्रारंभ होगा, जो कि महाप्रसादी भोजन के साथ सम्पन्न होगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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