Posted on 16 Jun, 2018 11:58 pm

 

सहकारिता व गैस राहत पुर्नवास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने आज यहाँ कहा कि कविताऐं समाज का मार्गदर्शन करती है। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग और आरुषि संस्था के संयुक्त तत्ववाधान में रविन्द्र भवन के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय साहित्य प्रतियोगिता ' कविता बैसाखी ' में कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के ख्यातिनाम गीतकार, लेखक और निर्देशक श्री गुलजार ने की।

श्री सारंग ने कहा कि कविताएँ देश में आनादिकाल से लिखी और पढ़ी जा रही है। हर काल में उस समय की परिस्थिति और व्यवस्था कविताओं के विषय रहे हैं। इनके माध्यम से कवि सत्ता का मार्गदर्शन करता भी रहा है।

श्री गुलजार ने आरुषि संस्था और सामाजिक न्याय एवँ नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था और बच्चों को देखकर उन्हें यह अहसास होने लगा है कि शायद उन्हें अब सब कुछ दिखाई और सुनाई देने लगा है। उन्होंने आव्हान किया कि द्विव्याँग बच्चों के चेहरों पर सदैव मुस्कान बनाये रखने के लिये सब मिलकर प्रयास करते रहें।

आयुक्त सामाजिक न्याय श्री कृष्ण गोपाल तिवारी ने कहा कि इस पुनीत कार्य में सरकार के साथ सामाजिक भागीदारी की आवश्यकता बतायी।

पुरुस्कृत हुईं कविताएँ

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा देश भर से द्विव्याँगता पर कविताएँ आमंत्रित की गई थीं। देश के कोने-कोने से 1400 लोगों ने अपनी कविताएँ प्रेषित कीं। इनमें से 10 सर्वश्रेष्ठ कविताओं को पुरुस्कार के लिए श्री गुलजार साहब द्वारा चुना गया।

कार्यक्रम में फैजाबाद की पूनम सूद की कविता 'टिशू-नेपकिन' को प्रथम पुरुस्कार में 30 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र चंडीगढ़ की आरती वर्मा की कविता को द्वितीय पुरुस्कार 20 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र तथा पुणे के ऋषिकेश मुदगुंडे की कविता को तृतीय पुरस्कार 10 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश