Posted on 09 Jan, 2018 5:51 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम प्रदेश में अब बखूबी दिखने लगे हैं। झाबुआ जिले के ग्राम खरडूबड़ी की मात्र 8वीं पास सीमा पांचाल बैंक प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीणों के बैंक संबंधी छोटे लेन-देन का काम करती हैं। बैंक उन्हें हर ट्रांजेक्‍शन पर कमीशन भी देता है।

सीमा पहले घर के काम के साथ-साथ किराना की दुकान एवं आटा चक्की के काम में परिवार का सहयोग करती थी। इतने पर भी मात्र 4-5 हजार रूपये प्रति माह की ही आमदनी हो पाती थी। अब 10-12 हजार की आय होने से बच्चों का दाखिला भी अच्छे स्कूल में करा दिया है।

सीमा को आजीविका मिशन के संपर्क में आने के बाद बैंक सखी का दर्जा मिला। बैंक सखी का काम करने के लिये उसने दिसम्बर 2016 में बैंक से एक लाख रूपये का ऋण लेकर इंटरनेट कनेक्शन के साथ लेपटॉप लिया और कियोस्क सेंटर चलाने के लिये आवश्यक उपकरण खरीदे। बैंक ऑफ बड़ौदा से प्रशिक्षण भी लिया।

सीमा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह घर से बाहर निकलेगी और बैंक का काम कर सकेगी। बैंक सखी के रूप में काम करने में इतना सम्मान और पैसा मिलेगा। पहले उसे बड़े अधिकारियों से बात करने में संकोच होता था। आज उसमें भरपूर आत्म-विश्वास है। वह कहती है कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मात्र 8वीं पास होने के बाद भी मुझे इतना अच्छा व्यवसाय मिलेगा। पहले कम्प्यूटर एवं लेपटॉप छूने में भी डर लगता था। अब यह सब बहुत आसान हो गया है। बैंक सखी बनने के बाद वह दिल्ली भी हो आई है।

सीमा का अन्य ग्रामीण महिलाओं से कहना है कि मैं यह कर सकती हूँ तो आप क्यों नहीं? आप भी मेरी तरह राज्य शासन की स्व-रोजगार ऋण योजना और स्व-रोजगार प्रशिक्षण का लाभ लेकर स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर खुद को आत्म-विश्वास से भरपूर बनायें।

सक्सेस स्टोरी (झाबुआ)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश