Posted on 16 Jan, 2018 4:25 pm

झाबुआ जिले के राणापुर विकासखण्ड के ग्राम समोई में कृषक दल सिंह के पास सिंचाई के लिये एक कुआँ था। इससे गेहूँ और चने की फसल की सिंचाई ढंग से नहीं हो पाती थी। दल सिंह ने उ़द्यानिकी विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त किया। आज इनके खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम है। इससे गेहूँ और चने की फसल के साथ-साथ अच्छी किस्मों की सब्जियों का उत्पादन भी कर रहे हैं।

एक समय था, जब दल सिंह को रोजी-रोटी के लिए गुजरात राज्य के जामनगर और पुल्ला में मजदूरी करने जाना पड़ता था। जब से इन्होंने वैज्ञानिक तकनीक से ड्रीप सिंचाई का उपयोग करना शुरू किया है, तब से कम सिंचाई में अच्छी फसल ले रहे हैं। अब खेती और उ़द्यानिकी से इन्हे अच्छी-खासी कमाई होने लगी है।

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने कृषक दल सिंह की मदद की और वर्ष 2016 में इनके खेत पर 1.02 लाख रूपये लागत से ड्रीप सिंचाई सिस्टम लगवाया। इस लागत में उन्हें 55 हजार रूपये का अनुदान भी मिला। दल सिंह को उद्यानिकी विभाग ने सिंचाई हार्टिकल्चर फसल उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिलवाया। इससे इनके आर्थिक हालात बदल गये हैं। अब इनका बेटा एक्सीलेंस स्कूल, राणापुर में पढ़ रहा है।

अब कृषक दल सिंह प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में शामिल हो गये हैं। इन्होंने बंजर भूमि को भी कृषि योग्य बनाकर ड्रीप एरीगेशन सिस्टम से अधिक फसल उत्पादन का सफल प्रयोग किया है। अब अपने खेत पर ट्यूबबेल लगवाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

सक्सेस स्टोरी (झाबुआ)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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