Posted on 10 Jan, 2018 3:44 pm

हरदा जिले के ग्राम अजनास रैयत में खेतिहर मजदूर हैं बुझराम कोरकू और पत्नी माया। इनका मासूम बेटा ओम जन्म से ही ह्रदय रोग से पीड़ित था। इस कारण चलने-फिरने और अन्य बाल सुलभ गतिविधियों में काफी पीछे रहता था। माता-पिता ने बेटे ओम की इस बीमारी को उसकी नियति मान लिया था क्योंकि शहर में जाकर बड़े डॉक्टरों से ईलाज कराने की उनकी हैसियत नहीं थी।

मासूम ओम कोरकू इसी रोग के साथ 11 वर्ष का हो गया। एक दिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ग्राम अजनास रैयत पहुंची, तो टीम को ग्रामीणों ने इस बच्चे के बारे में बताया। टीम के सदस्य बच्चे और उसके माता-पिता से मिले, पूरा मामला समझने के बाद उन्हें हरदा जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य शिविर में बुलवाया। बुझराम अपनी पत्नी के साथ बेटे ओम को लेकर शिविर में पहुंचे तो वहां वरिष्ठ चिकित्सकों ने ओम की पूरी जाँच की। जाँच में पता लगा की इस बच्चे को हृदय की गंभीर बीमारी है। इस बीमारी का इलाज एमव्हीआर (माइट्रल वाल्व सर्जरी) से ही संभव है।

चिकित्सकों ने बुझराम को बताया कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो जायेगा और खेलने-कूदने लगेगा, बस एक छोटा-सा आपरेशन करना होगा। बुझराम आपरेशन का खर्चा सुनकर परेशान हुआ तो चिकित्सकों ने उसे बताया कि आपका एक भी पैसा खर्च नहीं होगा, आपरेशन का पूरा खर्चा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत शासन वहन करेगा। तब जाकर बुझराम और उसकी पत्नी माया अपने बच्चे के आपरेशन के लिये तैयार हुए।

मासूम ओम कोरकू की माइट्रल वाल्व सर्जरी की गई जो पूरी तरह सफर रही। अब ओम सामान्य बच्चों की तरह खेलता-कूदता है, सरपट भागता है, उसे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया है।

हरदा जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूलों और आँगनवाड़ी केन्द्रों में चिकित्सकों की टीम नियमित पहुंच रही है और वहां इस तरह की बीमारियों से ग्रसित बच्चों का परीक्षण और उपचार भी कर रही है। पिछले एक साल में इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में 20 बच्चों के नि:शुल्क सफल आपरेशन करवाये गये हैं।

सक्सेस स्टोरी (हरदा)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश