Posted on 20 Feb, 2019 6:45 pm

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने निर्वाचन व्यय निगरानी के संबंध में जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की कार्यशाला में कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में व्यय निगरानी सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशियों के लिए 70 लाख रूपये की व्यय सीमा निर्धारित है। सभी उम्मीदवार और पार्टियां जिला निर्वाचन अधिकारी और  चुनाव आयोग को निर्धारित सीमा में राशि खर्च करने की सम्पूर्ण जानकारी देंगी। श्री कांता राव ने बताया कि विधान सभा चुनाव-2018 में 72 करोड़ रुपये की सामग्री, राशि,और नशीले पदार्थ जप्त किये गए थे। यह मध्यप्रदेश के चुनाव इतिहास में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव-2019 में भी धन-बल एवं नशीले पदार्थों पर सख्ती से रोक लगायी जायेगी।

कार्यशाला में  श्री एस.के.रूडोला, प्रधान सचिव भारत निर्वाचन आयोग ने विभिन्न राज्यों में    धन-बल के उपयोग को रोकने के लिये आयोग द्वारा किये गये कार्यों, जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, भारतीय दण्ड संहिता, निर्वाचन आयोग के निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी।

कार्यशाला में निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों के द्वारा किए जाने वाले व्यय पर सूक्ष्म नजर रखने के लिए तथा निर्वाचन सें संबंधित कानूनी प्रावधानों से जिला स्तरीय अधिकारियों को अवगत कराने के लिए  श्री शाहिद अवसार आईजी पुलिस, श्री राजेश कौल संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, श्री पंकज शर्मा, उप सचिव उच्च शिक्षा विभाग तथा डाँ. रामप्रकाश तिवारी, अपर कलेक्टर जिला अनुपपूर द्वारा व्याख्यान दिया गया। कार्यशाला में निर्वाचन व्यय के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

Recent