Posted on 22 Jun, 2018 5:47 pm

 

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले आवासहीन परिवारों को 'प्रधानमंत्री आवास योजना' प्रकृति के प्रकोप से बचा रही है।, अब उनको वर्षा की मार, गर्मी की तपस और ठंड का कहर नहीं झेलना पड़ रहा है। छिन्दवाड़ा के न्यूटन चिखली निवासी रामकिशन धुर्वे, मुरैना जिले की ग्राम पंचायत काजीबसई निवासी राजेश और पन्ना जिले की रेखा वंशकार सुरक्षित और सम्मानजक ढंग से जीवनयापन कर पा रहे है। 

रेखा के लिए वरदान है प्रधानमंत्री आवास : पन्ना जिले ग्राम गुखौर निवासी रेखा वंशकार और उनका परिवार घास-मिट्टी से बने कच्चे मकान में, पैतृक समय से रह रहा था। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कभी वह लोग स्वयं के पक्के मकान में रह पायेगें। प्रधानमंत्री आवास योजना की सर्वे सूची में नाम सम्मिलित हो जाने से उन्हें ग्राम पंचायत से कच्चे मकान को पक्का करने के लिए एक लाख 50 हजार रुपये की राशि तीन चरणों में मिली। रेखा, उनके पति भगवानदास ने स्वयं मजदूरी कर अपने सपनों के घरोदें (घर) को तैयार किया है। अब परिवार प्रकृति की मार और समाज की उपेक्षा से बचकर सम्मान से निवास कर रहे है।

 पक्के आवास में सकून का जीवन बसर कर रहा है राजेश का परिवार : मुरैना जिले के ग्राम पंचायत काजीबसई निवासी राजेश पुत्र दौजीराम के स्वयं के आवास के सपने को प्रधानमंत्री आवास ने साकार कर दिया है। क्योंकि मेहनत-मजदूरी करने से सिर्फ इतना ही कमा पा रहे थे, जिससे दो-जून की रोटी मिल सके, पक्का मकान की सोच बेमानी लगती थी। लेकिन जब ग्राम के सरपंच ने बताया कि ' तुम्हारा नाम प्रधानमंत्री आवास सूची में है तो राजेश की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, उससे एक लाख 20 हजार रुपये में पक्का (आर.सी.सी.) मकान बना लिया है।

मौसमी-मार से बच गया रामकिशन का परिवार : छिन्दवाड़ा जिले की नगर पंचायत न्यूटन चिखली निवासी रामकिशन धुर्वे का परिवार सर्दी, गर्मी, बरसात, कीड़े-मकोड़ो के हमले से सुरक्षित हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से उसे कच्चे आवास को पक्के में तब्दील करने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि मिली है। रामकिशन ने अपने कच्चे आवास के स्थान पर पक्का आवास जिसमें 2 कमरे, किचन, बाथरुम और शौचालय का निर्माण कराया है। अब उसका परिवार सर्दी, गर्मी, बरसात की मार से बच गया है।

सक्सेस स्टोरी (पन्ना, मुरैना, छिन्दवाड़ा)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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