Posted on 16 Aug, 2018 3:48 pm

 

मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना लागू होने के बाद से गरीब, मजदूर और असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों के परिवार में सुख और संतोष का माहौल छाने लगा है। गरीब परिवारों के हाथों में बकाया बिजली बिल माफी के प्रमाण-पत्र आते ही उनके चेहरों पर आयी खुशी देखते बनती है।

बड़वानी के विजय यादव छोटी-सी चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। परिवार में माता-पिता, पत्नी एवं 3 बच्चे हैं। दुकान की आय से ही अपने परिवार का गुजारा जैसे-तैसे करते हैं। सीमित आमदनी के चलते विजय एक बार  बिजली का बिल भरने से क्या चूके कि बिल पर लगने वाली सरचार्ज राशि धीरे-धीरे बढ़ते हुए 10 हजार रुपये पर पहुँच गई। विजय को हर समय बिजली कटने की चिंता लगी रहती थी। अगर बिजली कट गई तो ऐसे में उनके बच्चे अपनी पढ़ाई कैसे करेंगे और बूढ़े माता-पिता को रात में चलने-फिरने में गिरने का डर बना रहेगा। दिनों-दिन बढ़ते बिल की चिंता भी बढ़ती जा रही थी, परन्तु आमदनी इतनी नही थी, कि बिल की इतनी बड़ी राशि का वह भुगतान कर सकें। 

तभी विजय ने असंगठित श्रमिक पंजीयन में अपना पंजीयन करवाया, तो बकाया बिजली बिल माफी योजना में राज्य सरकार ने उसका पूरा बिल माफ कर दिया। जब विजय और उसके परिवार को मालूम पड़ा कि अब उनके घर कभी भी 200 रुपये से अधिक का बिजली बिल नहीं आयेगा, इससे अधिक आने पर शेष राशि सरकार भरेगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चों की पढ़ाई की चिंता भी खत्म हो गई है। अब गरीब चाय वाले विजय यादव के घर में 24 घंटे बिजली रहेगी और बच्चे रात में भी पढ़-लिख सकेंगे।


सक्सेस स्टोरी (बड़वानी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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