Posted on 18 Jun, 2018 2:47 pm

 

मन में अनेक आशंका और कुशंका के साथ हिमाद्री को लेकर उसके नाना-नानी इंदौर के उसी अस्पताल में पहुँचे थे, जहाँ उसका 3 महीने पहले ऑपरेशन हुआ था। डॉक्टर ने जैसे ही श्रवण-यंत्र हिमाद्री के कान में लगाया, वह चौंक उठी और नाना-नानी की अश्रुधार बह निकली। हिमाद्री जन्म से बोल और सुन नहीं सकती थी। नाना-नानी ने पहली बार उसको आवाज पर रिएक्ट करते हुए देखा था।

हिमाद्री के माता-पिता धार जिले के निसरपुर में मजदूरी करके गुजर-बसर करते हैं। हिमाद्री नाना-नानी के पास बड़वानी जिले के रणगाँव में रहती है और रोज आँगनवाड़ी जाती है। एक दिन आँगनवाड़ी से बुलावा आया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने हिमाद्री का परीक्षण किया है और वह ऑपरेशन से ठीक हो सकती है। नाना-नानी आँगनवाड़ी पहुँचे और उन्होंने बताया कि हम पहले भी इंदौर और बड़ौदा के अस्पताल में दिखा चुके हैं। लाखों रुपये का खर्च नहीं उठा सकते। टीम ने कहा कि हिमाद्री का मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में नि:शुल्क ऑपरेशन होगा। सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद सफल ऑपरेशन हुआ और आज हिमाद्री सुन सकती है और बोलने की कोशिश कर रही है।

सक्सेस स्टोरी (बड़वानी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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