Posted on 23 Jun, 2018 3:35 pm

 

बड़वानी जिले के खेतिया नगर निवासी मोहम्मद नईम मनिहार और श्रीमती तन्जीन मनिहार के यहाँ बेबी मुनज्जा का जन्म हुआ। बेबी मुनज्जा यूं तो आम बच्चों की तरह ही थी, परंतु 6 माह की उम्र में माता-पिता को पता चला कि उनकी बच्ची सुन नहीं सकती। वे अपनी बच्ची को ईलाज के लिए कई जगह ले गये, परन्तु हर जगह निराशा ही हाथ लगी। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची का अगर काक्लियर ऑपरेशन हो जाये, तो सुन-बोल सकेगी। ऑपरेशन का खर्चा 10 से 15 लाख रुपये सुनकर माता-पिता की आँखों के सामने अंधेरा छा गया।

पेशे से दर्जी मोहम्मद नईम के लिये ऑपरेशन का खर्च उठाना संभव नहीं था। एक दिन आशा की किरण दिखाई दी, जब उन्हें गाँव के शासकीय अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को जिला चिकित्सालय में मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के शिविर में ले जायें। डॉक्टर की बात मानकर मोहम्मद नईम शिविर में बेबी मनुज्जा को लेकर पहुँचा शिविर में उनकी बच्ची के ऑपरेशन की व्यवस्था हुई और 17 मई 2016 को मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में इंदौर के प्रायवेट अस्पताल में काक्लियर ऑपरेशन किया गया।

मोहम्मद नईम बताते है कि ऑपरेशन के बाद जब 20 जून 2016 को उनकी बेबी मुनज्जा को लगाई गई श्रवण मशीन का स्विच चालू किया गया और उसने उनकी आवाज पर प्रतिक्रिया दी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने डॉक्‍टरों की सलाह पर एक साल तक इंदौर में ही किराये का घर लेकर पति-पत्नि दोनों ने सिलाई का कार्य किया। अपनी बच्ची का सप्ताह में दो दिन होने वाले स्पीच थैरेपी में कभी कौताही नहीं बरती। जिसका परिणाम यह रहा कि आज बेबी मुनज्जा 4 वर्ष की है और सामान्य बच्चों की तरह बोल और सुन पाती है।

सक्सेस स्टोरी ( बड़वानी )

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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