Posted on 15 Aug, 2018 2:14 pm

 

बैतूल जिले के ग्राम थावड़ी के रामप्रसाद धुर्वे की बेटी कामिनी जन्म से ही सुन नहीं सकती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से समय गुजरता गया। एक दिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने गाँव पहुँचकर कामिनी का परीक्षण किया और उसे तत्काल जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र ले जाने की सलाह दी। दल ने कामिनी के परिवार को कॉक्लियर इम्पलांट और नि:शुल्क उपचार के बारे में समझाया और उनकी भ्रांतियाँ भी दूर कीं।

मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना में 6 वर्षीय कामिनी का 5 जुलाई, 2018 को भोपाल के हजेला अस्पताल में सफल ऑपरेशन हो गया। आपरेशन का पूरा खर्चा 6 लाख 50 हजार रुपये शासन द्वारा वहन किया गया। अब नाम पुकारे जाने पर कामिनी मुस्कुराती है, उसकी मुस्कान पर पूरे परिवार के चेहरे खिल उठते हैं।

मंदसौर जिले के के ग्राम सरखसेंदरा के बुजुर्ग बगदीराम नायक पिछले 10 सालों से सुन नहीं पा रहे थे। इस वजह से बड़े हताश रहने लगे थे। इसी बीच इन्हें मंदसौर के जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र से जानकारी मिली कि उन्हें श्रवण यंत्र मिल सकता है और वह दोबारा सुन पायेंगे। आवेदन देते ही बगदीराम को श्रवण यंत्र मिल गया। जैसे ही उन्होंने श्रवण यंत्र लगाया, उनका चेहरा खुशी से खिल उठा। अब वह भी खुश हैं और परिवार भी खुश। बगदीराम कहते हैं सरकार ने हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी कठिनाई दूर कर दी है।


सक्सेस स्टोरी (बैतूल, मंदसौर)

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश