Posted on 12 Apr, 2019 3:34 pm

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अद्रिका और कार्तिक ने राजभवन में मुलाकात की। ये बच्चे गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित हुए हैं।

बच्चों ने मुलाकात के दौरान राज्यपाल को बताया कि 2 अप्रैल, 2018 को मुरैना में हिंसक घटनाओं के दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस रोक दी गई थी। जब हम दोनों भाई-बहनों को यह जानकारी मिली तो हम दोनों खाने-पीने का सामान बैग में भरकर किसी तरह स्टेशन पहुँचे और स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के यात्रियों को बांटा। हमारे दादाजी ने पहले हमें डांटा कि शहर में कर्फ्यू लगा है और तुम दोनों कहाँ चले गये। जब उन्हें हमने बताया कि हम रेल्वे स्टेशन पर भूखे लोगों को खाना देने गये थे, तो वे हमारे इस अच्छे काम से खुश हुए।

मुरैना शहर में कार्तिक 9 वीं और अद्रिका 6 वीं क्लास में पढ़ती है। इस छोटी सी उम्र में शहर में फैले हिंसक वातावरण की परवाह न करते हुए बिना किसी डर के स्टेशन में फंसे यात्रियों को भोजन के रूप में मदद पहुँचाने का नि:स्वार्स्थ भाव से किया गया यह कार्य एक मिसाल है। छठवीं क्लास में पढ़ने वाली अद्रिका ने राज्यपाल को यह भी बताया कि वह ताइक्वाडों में ब्लेक बेल्ट है। लगभग 20 हजार स्कूली बच्चों को आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है। राज्य सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान में इन्हें ब्रांड एम्बेसडर हैं।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने बच्चों से मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुईं। उन्होंने कार्तिक और अद्रिका के नेक काम की प्रशंसा की। श्रीमती पटेल ने बच्चों को प्रशंसा पत्र दिये और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​