Posted on 04 Jun, 2018 6:29 pm

 

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है। यह कृषि उपजों के लिये एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने का सशक्त माध्यम है। कृषि उपज मण्डी से संबंधित सभी सूचनाओं और सेवाओं के लिये यह ई-नाम पोर्टल सिंगल विण्डो सेवा प्रदान कर रहा है। इस पोर्टल में उपज के आगमन और कीमतों तथा उपज को खरीदने और बेचने के व्यापारिक प्रस्तावों के प्रावधान को शामिल किया गया है। प्रदेश में ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अभी तक 58 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा चुका है।

अभिनव पहल

प्रदेश की 58 कृषि उपज मण्डियाँ राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं।

13 कपास मण्डियों को भी राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा रहा है।

ई-नाम पोर्टल पर 49 लाख क्विंटल कृषि जिन्सों का हुआ व्यापार।

प्रदेश में ई-नाम पोर्टल की शुरूआत भोपाल की पण्डित लक्ष्मीनारायण शर्मा कृषि उपज मण्डी करोंद से की गई। योजना के पहले चरण में प्रदेश की 19 चयनित कृषि उपज मण्डियों को इस पोर्टल से जोड़ा गया। ई-नाम पोर्टल से जुड़ी कृषि उपज मण्डियों में 6 जिन्सों पर ऑनलाईन ट्रेडिंग की जा रही है। योजना के दूसरे चरण में 30 और तीसरे चरण में 8 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में शामिल किया गया है। अब तक प्रदेश की 58 कृषि उपज मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ा जा चुका है।

इसके साथ ही, 13 कपास मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना से जोड़ने का कार्य तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में अब तक करीब 12 लाख किसानों से 19 हजार लायसेंस धारी व्यापारियों ने ई-प्लेटफार्म के माध्यम से करीब 49 लाख क्विंटल कृषि जिन्सों का व्यापार किया है। प्रदेश में ई-नाम पोर्टल की सभी 58 मण्डियों में कृषि उपज के गुणवत्ता परीक्षण के लिये वृहद एसेइंग एण्ड ग्रेडिंग लैब स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। ई-नाम पोर्टल में देश के 18 राज्यों में मध्यप्रदेश की स्थिति गेट एन्ट्री और एसेइंग में प्रथम तथा बिड क्रिएशन और सेल ऐग्रीमेंट में तृतीय रही है। ज्ञातव्य है‍कि देश में अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑनलाइन राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना की शुरूआत की थी। इसका मकसद किसानों को उनकी उपज का राष्ट्रीय स्तर पर सही दाम दिलवाना है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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