Posted on 19 Nov, 2018 8:01 pm

 

रेरा के अध्यक्ष श्री अन्टोनी डिसा ने कहा है कि वास्तु-कला और नियोजन को पूर्व] वर्तमान तथा भविष्य की आवश्यकताओं के मध्य निरंतर रखकर ही] शहर का सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होंने कहा कि पूर्व की गौरवशाली विरासत को अक्षुण्ण रखकर ही]भविष्य में नगरीय बसाहट की जरूरतों की पूर्ति करने योग्य संसाधनों का विकास करना बड़ी चुनौती है। श्री डिसा आज स्कूल आफ प्लानिंग और आर्किटेक्चर संस्थान भोपाल द्वारा 'नवाबी दौर से नव उदारवाद&भोपाल की बदलती तस्वीर **विषय पर दो दिवसीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। सेमीनार में] विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों सहित वास्तुविद तथा विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।

श्री डिसा ने कहा कि यद्यपि वास्तु-शास्त्र एक कला है] किन्तु उसे आम नागरिकों की आवश्यकताओं के साथ ]वैज्ञानिक रूप से़ ]जोड़कर ]उचित आकार देना जरूरी है। अध्यक्ष रेरा श्री डिसा ने मिंटो हॉल के जीर्णोद्धार का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस प्रकार मिंटो हाल के मूल रूप को अक्षुण्ण रखते हुए इसे नया रूप दिया है, ]उसी तरह से] अन्य विरासतों को भी विकसित करना होगा। उन्होंने वास्तु-कला और विनियोजन के क्रियावयन से जुड़ी ]सभी कार्यकारी संस्थाओं तथा शासन के इससे जुड़े विभागों के मैदानी स्त्रोतों को] इस चुनौती के प्रति ]जागरूक करने की भी जरूरत बताई। श्री डिसा ने शहरी विकास से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर सभी संबंधित पक्षों एवं एजेंसियों के साथ एक कार्यशाला करने पर भी बल दिया।

संस्थान के संचालक श्री श्रीधरन ने कहा कि स्कूल आफ प्लानिंग तथा आर्किटेक्टचर द्वारा कई अंतराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर की सहयोगी संस्थाओं के विद्वानों को आमंत्रित किया गया हैं। सेमीनार का उद्देश्य] योजना और वास्तु-कला के क्षेत्र में संस्था के द्वारा किये जा रहे कार्यों पर सहयोगी संस्थाओं के साथ विचार कर] विकसित होने वाले शहरी विनियोजन के लिए] मार्गदर्शिका तैयार करना है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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