Posted on 16 Jan, 2018 6:01 pm

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा विकास प्राधिकरणों की कार्य-प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में प्राधिकरणों के सम्पति प्रबंधन एवं व्ययन नियमों को अधिक स्पष्ट और पारदर्शी बनाया जाएगा। इससे प्राधिकरण और उपभोक्ता दोनों लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने यह बात नगरीय प्रशासन संचालनालय के सभागार में विकास प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक में कही।

श्रीमती माया सिंह ने कहा कि वर्ष 2022 तक प्रदेश के प्रत्येक आवासहीन परिवार के स्वयं के आवास के सपने को साकार करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अनेक हितग्राही मूलक आवास योजनाएँ प्रारंभ की गई है। नगरीय निकायों द्वारा 'मुख्यमंत्री आवास योजना'' और 'प्रधानमंत्री आवास योजना'' का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार की मंशा है कि प्राधिकरणों और हाऊसिंग बोर्ड द्वारा संचालित हाउसिंग प्रोजेक्ट को भी गति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों के संचालित व्ययन नियमों को वर्तमान परिस्थिति और बाजार की मांग अनुरूप बनाया जाना चाहिए। इससे प्राधिकरणों के लंबित प्रोजेक्ट्स और सम्पतियों का निराकरण तेजी से हो सकेगा। इससे प्राधिकरणों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। साथ ही शासकीय एजेन्सियों की छवि में भी सुधार होगा। इस के साथ ही छोटे उपभोक्ता और बड़े निवेशक भी लाभान्वित होगे। परिणाम स्वरूप रियल स्टेट के बड़े निवेशक प्रदेश में आकर्षित होंगे, जिससे प्रदेश में सशक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सकेगा।

श्रीमती माया सिंह ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण सहित इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे बड़े प्राधिकरणों की पृथक-पृथक बैठक भोपाल में आयोजित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्वालियर शहर में यातायात नगर, शताब्दीपुरम, गंगाविहार कॉलोनी में रहवासी और ग्वालियर विकास प्राधिकरण के मध्य विवादों का निपटरा साकारत्मक तरीके से करने पर बल दिया।

बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री विवेक अग्रवाल, अपर आयुक्त श्रीमती मंजू शर्मा, सहित प्राधिकारण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, टाऊन एण्ड कन्ट्रीप्लानिग के अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश