Posted on 18 Apr, 2019 7:17 pm

विश्व धरोहर दिवस पर पुरातत्व संग्रहालय द्वारा लोगों में पुरातात्विक धरोहरों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिये ग्वालियर राज्य के पुरातत्वीय महत्व पर केन्द्रित छायाचित्र प्रदर्शनी, चित्रकला प्रतियोगिता और व्याख्यान आदि कार्यक्रम हुए। ग्वालियर राज्य के ग्लास निगेटिव से तैयार छायाचित्रों की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रही। प्रदर्शनी 25 अप्रैल तक दर्शकों के लिये नि:शुल्क रहेगी।

चित्रकला प्रतियोगिता में 125 स्कूली बच्चों ने भाग लिया। बाल भवन स्कूल के एस. अबान अली को प्रथम, मदर टेरेसा स्कूल की श्रेया गुप्ता को द्वितीय, शारदा विद्या मंदिर के ईशान नायर को तृतीय पुरस्कार और डीपीएस स्कूल के मेहल अजमेरा और शारदा विद्या मंदिर के जयदेव पाटीदार को सांत्वना पुरस्कार के लिये चुना गया।

लद्दाख में भी मौजूद हैं प्रागैतिहासिक मानव अवशेष

"लद्दाख हिमालय की प्रागैतिहासिक पृष्ठभूमि-जम्मू और कश्मीर'' विषय पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली के पूर्व संयुक्त महानिदेशक डॉ. एस.बी. ओता ने राज्य संग्रहालय में व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि लद्दाख क्षेत्र शुरू से ही बौद्ध धर्म का बड़ा केन्द्र रहा है। आरंभिक शोध कार्य भी यहाँ के बौद्ध मठों पर ही किये गये। शोध कार्यों से प्रतीत होता है कि इन मठों से पूर्व शायद यहाँ मानवीय गतिविधियाँ नहीं थीं। बौद्ध संस्कृति के पूर्व के पुरा-स्थल खोजकर डॉ. ओता ने इस मिथक को समाप्त कर दिया। उनके अनुसार लद्दाख जैसे दुर्गम स्थान में भी प्रागैतिहासिक मानव के अवशेष मिलते हैं। इस क्षेत्र में उत्खनन से 11 हजार वर्ष पूर्व के अस्थाई आवास के प्रमाण मिले हैं। इनमें पत्थर और जानवरों की हड्डियों से निर्मित औजार काफी रोचक हैं। इनका उपयोग दैनिक कार्यों के अलावा जानवरों के शिकार के लिये किया जाता था। अत्यधिक ठण्डा स्थान होने के कारण यहाँ मनुष्य ने अपना आवास जमीन के अंदर गड्ढा खोदकर बनाया। चारकोल से प्राप्त प्रमाणों से यह निश्चित हो जाता है कि एक ही स्थान पर मानव ने बार-बार अस्थाई बस्ती बसाई। इस क्षेत्र में विभिन्न स्तरों से लिये गये सेम्पल एवं सभी पुरातात्विक साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि हजारों वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में मानव की गतिविधियाँ होती रही हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति एवं आयुक्त संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय श्री पंकज राग भी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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