Posted on 20 Sep, 2018 7:47 pm

 

मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने कहा है की जिन प्रकरणों में राज्य शासन गारंटी दे उनसे बैंको द्वारा गारंटी माँगने की आवश्यकता नहीं है। शासन की योजनाओं में आवेदकों के साथ बैंकों को सहयोगात्मक व्यवहार रखना चाहिए। बैंक यह सुनिश्चित करें कि जनकल्याण और लोगों को  आत्म निर्भर बनाने के उददेश्य से संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन इसी स्वरूप में हो। श्री सिंह 169 वीं राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति को सम्बोधित कर रहे थे।

सेन्ट्रल बैंक सभागार में सम्पन्न बैठक में राज्य शासन द्वारा संचालित रोजगारोन्मुख योजनाओं, उदयमिता केन्द्रित योजनाओं सहित प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं के बैंकों से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संचालक सुश्री मुदिता मिश्रा, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के इक्जीकेटिव डारेक्टर श्री बी.एस.शेखावत, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी.मीना, प्रमुख सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव कृषि श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव जनजातिया कार्य विभाग श्री एस.एन.मिश्रा, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति कल्याण श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय श्री अशोक शाह, प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग श्री पंकज अग्रवाल सहित रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया, नावार्ड और बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में बैंकिग सेवाओं के विस्तार के लिए जून 2017 से जून 2018 की अवधि में 167 बैंक शाखाएँ और 305 एटीएम आरंभ किये गये। वृद्ध और निशक्त:जन को उनके द्वार पर पेंशन उपलब्ध कराने के लिए पेंशन आपके द्वार योजना के अन्तर्गत 7 सितम्बर तक एक लाख 74 हजार हितग्राहियों से सम्पर्क किया गया। इस सुविधा का विस्तार 72 लाख हितग्राहियों पर किया जाना है। प्रदेश में विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में आधार सीडिंग की प्रक्रिया को गति देने के निर्देश भी दिये गये।

राज्य स्तरीय बैंकिग समिति की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत जल और स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों जैसे पानी के कनेक्शन, वाटर हार्वेस्टिंग, स्नानगृह आदि निर्माण के लिये बैंकों द्वारा लोन सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर सहमति हुई। डेयरी तथा मुर्गी पालन  गतिविधियों को प्रोत्साहित करने, बैंकर्स द्वारा स्थानीय स्तर पर सम्पर्क बढ़ाने, वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिये गये।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश