Posted on 16 Aug, 2018 2:34 pm

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्पूर्ण समाज का आव्हान किया है कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहयोग के लिये आगे आये। 'मिल-बांचें मध्यप्रदेश' अभियान के अंतर्गत स्कूल में जाकर बच्चों के साथ संवाद करें। बच्चों को प्रेरक प्रसंग और नैतिक शिक्षा की कहानियां सुनायें, पुस्तकों और विद्यालय की आवश्यकता की सामग्रियों का दान करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बुधवार को यहाँ रवीन्द्र भवन में राष्ट्रीय अलंकरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रीय सम्मान, महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान और महर्षि वेदव्यास राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित 4 व्यक्तियों और 7 संस्थाओं को सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र, शॉल-श्रीफल और सम्मान निधि स्वरूप दो लाख रुपये भेंट किये। इस अवसर पर सुमिरन ऑडियो सीडी का विमोचन किया गया। कार्यक्रम उपरांत मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश विकास यात्रा के रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

श्री चौहान ने देश की आजादी के लिये प्राणों की आहूति देने वाले वीर सेनानियों और शहीदों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर अपने परिवार से दूर, विपरीत और जोखिम भरी परिस्थितियों में, चौकसी करने वाले सैनिक भी वंदनीय हैं। राज्य सरकार ने आजादी के बाद से राष्ट्र की सेवा में शहीद हुए 30 हजार से अधिक सैनिकों के परिवारों के सम्मान में इस वर्ष से हर वर्ष 14 अगस्त को शहीद सम्मान दिवस मनाना शुरू किया है। शहीदों के परिजनों का समाज और सरकार सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के हर नागरिक को देश और समाज के लिये जीने का संकल्प लेना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और बेटी बचाओ अभियान आदि सामाजिक कार्यों में हर आदमी सक्रिय सहयोग करे। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियों को देवियों का सम्मान दिया गया है। उन्होंने ने कहा कि मासूम के साथ दुराचार करने वाले दरिंदें धरती का बोझ हैं। इनके लिये फांसी की सजा का प्रावधान मध्यप्रदेश ने सबसे पहले किया गया है।

अलंकरण समारोह में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद राष्ट्रीय सम्मान वर्ष 2015-16 से श्री सुधीर विद्यार्थी बरेली को, वर्ष 2016-17 से गांधी न्यास भोपाल को, वर्ष 2017-18 से श्री अनुज धर नई दिल्ली को और वर्ष 2018-19 से मेजर जनरल सेवानिवृत्त श्री गगनदीप बख्शी, नई दिल्ली को अलंकृत किया गया। महर्षि वेद व्यास राष्ट्रीय सम्मान वर्ष 2015-16 से दक्षिणामूर्ति विनय मंदिर भावनगर गुजरात, 2016-17 से प्रो. रमेश दवे भोपाल, और 2017-18 से हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला, साबरमती, गुजरात को अलंकृत किया गया।

समोराह में महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय सम्मान वर्ष 2015-16 से सुरभि शोध संस्थान बनारस, उत्तरप्रदेश वर्ष 2016-17 से नारायण सेवा संस्थान उदयपुर, राजस्थान वर्ष 2017-18 से लोक बिरादरी प्रकल्प, हेमलकासा, महाराष्ट्र और वर्ष 2018-19 से केन्द्रीय चिन्मय मिशन ट्रस्ट मुम्बई, महाराष्ट्र को अलंकृत किया गया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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