Posted on 02 Aug, 2016 4:18 pm

कोयला गुणवत्ता के लिए देश की दो बड़ी कोयला कंपनी के साथ एमओयू 

भोपाल : मंगलवार, अगस्त 2, 2016, 15:37 IST
 

मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी को दो सफलताएँ मिली हैं। कंपनी के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दूसरे चरण में निर्माणाधीन 660 मेगावाट की दो इकाइयों के लिए वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड से ब्रिज कोल लिंकेज़ प्राप्त हो गया है। कोल लिकेंज मिलने से दोनों इकाइ से वर्ष 2018 से बिजली उत्पादन प्रारंभ होने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। कोयला मंत्रालय की कोल लिंकेज कमेटी की हाल में नई दिल्ली में हुई बैठक में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दूसरे चरण की इकाइयों को कोल लिकेंज प्रदान करने का निर्णय लिया गया। वहीं कोयले की गुणवत्ता के लिए मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) ,साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) एवं केन्द्रीय ईंधन एवं कोयला अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफआर) धनबाद के साथ समझौता ज्ञापन पत्र (मेमोरेण्डम ऑफ अंडरस्टेडिंग (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी की ओर से कार्यपालक निदेशक (ईंधन प्रबंधन) श्री ए.के. संकुले द्वारा (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए।

प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आईसीपी केशरी ने कोयले की गुणवत्ता निर्धारण के लिए कोयला कंपनी से इस तरह के समझौता एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दूसरे चरण के लिए कोल लिकेंज मिलने को महत्वपूर्ण सफलता बताते हुए कंपनी को बधाई दी है।

केन्द्रीय ईंधन एवं कोयला अनुसंधान संस्थान देश में कोयला, ईंधन एवं माइनिंग के क्षेत्र में अनुसंधान करने वाला अग्रणी संस्थान तथा काउंसिल ऑफ सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, भारत शासन का एक घटक है। कोयला गुणवत्ता आंकलन में पारदर्शिता हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा अपने सभी ताप विद्युत गृहों के छोरों पर भी कोयला गुणवत्ता निर्धारण के लिए सीआईएमएफआर को सेम्पिलिंग एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। द्वि- पक्षीय कोयला गुणवत्ता निर्धारण एजेंसी के रूप में इस नियुक्ति के बाद कंपनी के ताप विद्युत गृहों को प्राप्त हो रहे कोयले की गुणवत्ता का समुचित निर्धारण हो सकेगा। साथ ही ताप विद्युत गृहों की दक्षता का सही आकंलन भी संभव होगा।

उल्लेखनीय है कि कंपनी के वर्तमान में 4 ताप विद्युत गृह सतपुड़ा सारनी, श्री सिंगाजी खंडवा, अमरकंटक चचाई एवं संजय गाँधी बिरसिंगपुर के लिए डब्ल्यूसीएल और एसईसीएल से नियमित रूप से कोयला प्रदाय किया जाता है। प्राप्त कोयले की गुणवत्ता पर कोल कंपनी तथा विद्युत उत्पादकों के मध्य कई बार विवाद की स्थिति बनी है। मुख्यत: गुणवत्ता आंकलन में पारदर्शिता के अभाव में कंपनी को आर्थिक नुकसान होता रहा है। कोल गुणवत्ता आंकलन की इन विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए कोल कंपनी के विभिन्न कोल साइडिंग्स में स्थित लदान बिन्दुओं पर कोल गुणवत्ता निर्धारण के लिए ऊर्जा एवं कोयला मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय ईंधन एवं कोयला अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफआर) धनबाद को कोल (कोयला विक्रेता) तथा विद्युत उत्पादक कंपनी (क्रेता) की ओर से एकल तृतीय पक्ष कोल नमूना एकत्रीकरण एवं गुणवत्ता निर्धारण एजेंसी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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