Posted on 10 Jan, 2018 3:43 pm

राजगढ़ जिले के सुठालिया कस्बे में किसी को भी, कभी भी ई-रिक्शा सेवा की आवश्यकता होती है तो वह सीधे कैलाश मेहर को मोबाइल पर फोन करता है और तुरंत सेवा उपलब्ध होती है। कैलाश मेहर को यह ई-रिक्शा राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में ऋण पर मिला है।

युवा कैलाश मेहर केवल आठवीं कक्षा तक पढ़े होने के कारण कुछ दिनों पहले तक मजूदरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। स्थानीय नगर परिषद् की मदद से उन्हें मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में प्रशिक्षण मिला और ई-रिक्शा भी। इसके लिये इन्हें 1.40 लाख रुपये का लोन बैंक से दिलवाया गया जिसमें 20 हजार रुपये का शुद्ध अनुदान भी शामिल है। इन्होंने लोन की दो किश्तें समय पर जमा कर दी हैं। तीसरी किश्त जमा करने के बाद इन्हें 5 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान भी मिलेगा।

ई-रिक्शा के मालिक बन चुके कैलाश मेहर आज आसानी से 8-10 हजार रुपये महीना अपने कस्बे में ही रहकर कमा रहे हैं। आसपास के 6-7 गांव में भी अपनी सेवा दे रहे हैं। साथ ही, सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार के दिन आँगनवाड़ी केन्द्रों तक टीकाकरण की वेक्सीन पहुँचाने का पुनीत कार्य भी कर रहे हैं। अब सुठालिया कस्बे में कैलाश मेहर एक जाना-माना नाम है।

सक्सेस स्टोरी (राजगढ़)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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