Posted on 17 Aug, 2018 10:24 am

 

सिवनी जिले के ग्राम जमुनिया की 13 वर्षीय बालिका सुलोचना अक्सर बीमार रहती थी। कुछ नासमझी और कुछ आर्थिक स्थिति के कारण उसका कभी ढंग का इलाज नहीं हुआ। सुलोचना की किस्मत कहिये कि एक दिन आरबीएसके की टीम गांव पहुँच गई।

टीम ने जाँच में सुलोचना को गंभीर हृदय रोग से ग्रसित पाया। जिला प्रशासन की मदद से 24 जुलाई को नागपुर के श्रीकृष्णा हास्पिटल में उसकी हार्ट सर्जरी हुई। ऑपरेशन तो सफल रहा पर सुलोचना ठीक से अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही थी। उसका स्कूल जाना भी बंद हो गया। माता-पिता हैरान-परेशान थे। लगभग एक साल तक ऐसी ही स्थिति में रहने से सुलोचना का मनोबल गिरने लगा था।

उपचार के दौरान होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. तारेन्द्र डेहरिया ने सुलोचना और उसके माता-पिता को ढांढस बंधाया कि होम्योपैथिक इलाज से वह ठीक हो सकती है। डॉ. डेहरिया ने 6 माह तक सुलोचना का नि:शुल्क उपचार किया। अब सुलोचना अपने पैरों पर खड़ी होने के साथ ही चलने भी लगी है। डॉक्टर का विश्वास है कि जल्दी ही सुलोचना दौड़ने और खेलने-कूदने लगेगी।

सक्सेस स्टोरी (सिवनी)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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