Posted on 12 Jan, 2018 6:26 pm

खण्डवा के रामनगर निवासी सागर कोमल प्रसाद मेहरा ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की मदद से दोना पत्तल व्यवसाय स्थापित किया है। इसके लिए उसे 5 लाख रूपये की मदद मिली है, जिसमें 1.50 लाख रूपये अनुदान शामिल है। सागर को केवल 3.50 लाख रूपये ऋण ही आसन किश्तों में चुकाना है। अब इस युवा का दोना-पत्तल बनाने का व्यवसाय अच्छा चल रहा है। इस व्यवसाय की कमाई से ही सागर 10 हजार 600 रूपये की मासिक किश्त नियमित रूप से जमा कर रहा है। सागर को अब अपने व्यवसाय से लगभग 20 हजार रूपये महीने की आय आसानी से प्राप्त होने लगी है।

सागर ने पॉलीटेक्निक डिप्लोमा तक पढ़ाई की है। जब वह फाईनल ईयर में था, तभी उसके पिता के अचानक गुजर जाने से परिवार पर भीषण संकट आ गया था। ऐसे में सबसे पहली जरूरत रोजगार की ही थी। इसलिए सागर ने पढ़ाई बीच में छोड़कर स्व-रोजगार स्थापित करने के लिए अपने दोस्तों से सलाह ली। उसे मालूम हुआ कि अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार के लिए अन्त्यवसायी समिति द्वारा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में मदद दी जाती है। इस वित्तीय मदद में लगभग एक तिहाई राशि अनुदान स्वरूप भी मिलती है।

सागर ने अन्त्यवसायी कार्यालय जाकर आवेदन दिया। उसका दोना-पत्तल व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रकरण स्वीकृत हो गया और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 5 लाख रूपये उसे दिये गए। सागर ने अपने भाई जयंत के साथ दोना-पत्तल बनाने की दो मशीने खरीदीं। कच्चा माल इंदौर से लाकर अपना व्यवसाय प्रारंभ किया। मात्र 3-4 माह पूर्व प्रारंभ इस व्यवसाय में अभी से उसे लगभग 20 हजार रूपये मासिक बचत आसानी से हो जाती है। अब सागर कुछ समय में दोना-पत्तल निर्माण के लिए और मशीन लाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहता है ताकि आमदनी बढ़े। इस व्यवसाय से सागर अपने परिवार का अच्छी तरह पालन पोषण करके बहुत खुश है।

सक्सेस स्टोरी (खण्डवा)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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