Posted on 10 Oct, 2018 6:20 pm

 

राज्य शासन ने भारत निर्वाचन आयोग को भेजे जाने वाले शासकीय प्रस्तावों के परीक्षण के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। समस्त शासकीय विभागों को स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बारे में विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं।

स्क्रीनिंग कमेटी में सदस्य के रूप में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और प्रस्ताव प्रेषित करने वाले विभाग के विभागाध्यक्ष को शामिल किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी शासकीय विभागों को निर्देश जारी किये हैं कि अब कोई भी विभाग अपना प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण और अनुशंसा के पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से अथवा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित नहीं करेगा।

शासकीय विभागों से कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अध्ययन करें। उसके बाद ही प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करें। निर्देशों में कहा गया है कि संबंधित विभाग को यह कारण भी स्पष्ट करना होगा कि चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने तक प्रस्ताव को रोका नहीं जा सकता है। भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाने वाला प्रस्ताव टीप के रूप में होगा, न कि नस्ती के रूप में। सभी प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से ही समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जा सकेंगे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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