Posted on 11 Jun, 2018 7:20 pm

 

प्रदेश के आदिवासी बहुल धार जिले में नर्मदा घाटी विकास की मान तथा जोबट परियोजनाओं से इस वर्ष 19 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई ली गई। धार जिले की मनावर तहसील के ग्राम जीराबाद के निकट मान नदी पर निर्मित इस परियोजना की सिंचाई क्षमता 15 हजार हेक्टेयर है। परियोजना से जिले की मनावर तथा गंधवानी तहसील के 53 गांवों को 15 हजार हेक्टेयर क्षमता का लाभ मिला। अलीराजपुर जिले में ग्राम वास्कल के निकट हथनी नदी पर निर्मित जोबट परियोजना की सिंचाई क्षमता 9,850 हेक्टेयर है। इस वर्ष पेयजल उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता देते हुये कुक्षी तहसील में 4000 हेक्टेयर रकबा सिंचित किया गया। इन दोनो परियोजनाओं ने इस आदिवासी बहुल जिले की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान करते हुये कृषि अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति दी है।

प्रदेश की दो अन्य महत्वाकांक्षी नर्मदा घाटी विकास परियोजनाओं में से एक आंेकारेश्वर परियोजना से इस वर्ष एक लाख 32 हजार 300 हेक्टेयर रकबा सिंचित किया गया। परियोजना का कमाण्ड क्षेत्र खरगोन, धार और खण्डवा जिलों में आता है। परियोजना की नहर प्रणाली का शेष कार्य पूरा हो जाने पर कमाण्ड क्षेत्र बढ़कर एक लाख 47 हजार हेक्टेयर हो जायेगा। नर्मदा घाटी विकास की दूसरी महत्वाकांक्षी इंदिरा सागर परियोजना से इस वर्ष एक लाख 38 हजार 498 हेक्टेयर रकबे को सिंचाई जल उपलब्ध करवाया गया। परियोजना का कमाण्ड क्षेत्र खरगोन, बड़वानी तथा खण्डवा जिले में है।

नहर सिंचाई से वंचित क्षेत्रों तक नर्मदा का जल पहुँचाने के लिये 29 उद्वहन माईक्रो सिंचाई योजनाओं के निर्माण का कार्य हाथ में लिया गया है। इन सभी परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर 9 लाख 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। इन परियोजनाओं के निर्माण का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से जारी है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश