Posted on 14 Mar, 2019 11:39 am

राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि युवाओं में कृषि के प्रति लगाव पैदा करना होगा। उन्नत कृषि, वैज्ञानिक पद्धति से व्यावसायिक फसलों के उत्पादन और रोजगारमूलक कार्यक्रमों से छात्रों को जोड़कर उनके लिये कृषि आधारित उद्योग की स्थापना के अवसर बढ़ाने होंगे। इससे युवा गाँव के प्रति आकर्षित होंगे और उनका रूझान शहरों की छोटी-छोटी नौकरियों की तरफ कम होता जायेगा। राज्यपाल आज जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह को सबोधित कर रही थीं।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय परिवेश में कृषि के बिना जीवन-शैली की कल्पना नहीं की जा सकती है। युवाओं द्वारा कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने से किसानों को लाभ होगा तथा उन्हें उपज का सही मूल्य मिलेगा। उन्हें अपने उत्पादन की बिक्री के लिये गाँव के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्यपाल ने कहा कि कृषि स्नातक केवल नौकरी पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय अपने उद्यम लगाने तथा कृषि विकास में योगदान के लिये तैयार हों। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय को देश और विदेश के चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों से आपसी समझौते करने चाहिये।

राज्यपाल ने देश के सर्वोच्च कृषि संस्थान आईसीएआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल एवं जनेकृविवि के पूर्व कुलपति तथा रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलाधिपति प्रो. पंजाब सिंह को डॉक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया। राज्यपाल ने छात्रों को स्वर्ण पदक, नगद पुरूस्कार एवं उपाधियों से अलंकृत किया।

समारोह में कृषि एवं कृषि अभियांत्रिकी संकाय के 306 छात्रों को स्नातकोत्तर एवं 28 छात्रों को विद्यावाचस्पति (पी.एच.डी.) की उपाधियाँ प्रदान की गई। स्वर्ण पदक/नगद पुरूस्कार से 13 छात्रों को अलंकृत किया गया। राज्यपाल ने प्राथमिक शाला के बच्चों को फल और पुस्तकें वितरित की और मॉं वैष्णवी स्व-सहायता केन्द्र मंडला की अध्यक्ष सुश्री इन्दु दुबे को शाल, श्रीफल और स्मृति-चिन्ह से सम्मानित किया।

समारोह को प्रो. पंजाब सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुति कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने की।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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