Posted on 12 Jan, 2018 6:27 pm

प्रारंभिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये देवास जिला प्रशासन ने सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में नवाचार के रूप में शाला सिद्धि कार्यक्रम लागू किया है। इसमें बच्चों का गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक स्तर उन्नयन के साथ उनके सर्वांगीण विकास का लक्ष्य भी निर्धारित किया जा रहा है। योजना की विशेषता यह है कि हर बच्चे पर फोकस किया जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि प्रारंभिक शिक्षा की नींव अगर मजबूत है तो बच्चे का भविष्य निर्माण बेहतर होगा।

पहले योजना में 458 शालाओं का चयन किया गया था, जिसका विस्तार अब सभी 2059 शालाओं में कर दिया गया है। जिले के सभी 59 जन-शिक्षा केन्द्रों तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के 5500 शिक्षकों को जोड़ कर हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। शाला में भयमुक्त और आनंददायी वातावरण में अकादमिक और सह-अकादमिक गतिविधियाँ कराने का प्रयास किया जा रहा है ताकि हर विद्यार्थी अपनी आयु के अनुरूप दक्षता एवं कौशल हासिल कर सके।

योजना में पहले बच्चे का शैक्षणिक स्तर जाँचा गया, सुधार के क्षेत्र चिन्हित किये गये। अब उन बिन्दुओं पर सुधारने की प्रक्रिया चल रही है। शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम का क्रियान्वयन कलेक्टर की सीधी निगरानी में होने के कारण अच्छे परिणाम आने लगे हैं।

सक्सेस स्टोरी (देवास)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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